लखनऊ। प्रदेश में खेलों के विकास व खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए माननीय चेतन चौहान (खेल व युवा कल्याण मंत्री, उत्तर प्रदेश) के साथ उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ एवं राज्य के अन्य खेल संघों के अध्यक्ष व सचिवों की बैठक केडी सिंह बाबू स्टेडियम में संपन्न हुई। बैठक में वॉलीबाल संघ से सुनील कुमार तिवारी, राइफल संध से रामेंद्र शर्मा, हॉकी संघ से डा.आरपी सिंह, तैराकी संघ से रविन कपूर, ट्रायथलान से एसएस दत्ता, रोइंग से हरीश चंद्र शर्मा, बास्केटबॉल से भूपेंद्र शाही, ताइक्वांडो से सी के शर्मा, साइकिलिंग से राजेंद्र कुमार गुप्ता, एथलेटिक्स से पीके श्रीवास्तव, टेनिस से नवनीत सहगल, खो-खो से विनोद कुमार सिंह, भारोत्तोलन से हरभजन सिंह, बैडमिंटन से अरूण कक्कड़, हैंडबॉल से आनन्देश्वर पाण्डेय, कबड्डी से राजेश कुमार सिंह, कराटे से टीपी हवेलिया व जसपाल सिंह, वुशू संध से मनीष कक्कड़ तथा जूडो से आयशा मुनव्वर भी उपस्थित थे।
माननीय खेल मंत्री ने खेल संघों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो-तीन सालों में सरकार और खेल संघों को मिलकर ऐसे प्रयास करने चाहिए कि प्रदेश के कम से कम पांच खिलाड़ी ओलंपिक मेडल जीतकर लाए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस दिशा में प्रयास तो खेल संघों को ही करना होगा, सरकार तो उनके सहयोगी की भूमिका में पीछे खड़ी रहेगी और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में किसी प्रकार का अभाव नहीं होने देगी।
खेल निदेशक डा.आरपी सिंह ने अवगत कराया कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है और पहले जहां खिलाड़ियों को किट के लिए 1000 रूपए मिलते थे उसे बढ़ाकर 2500 रूपए कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल विजेता खिलाड़ियों को जहां नगद पुरस्कार प्रदान किए जा रहे है, वहीं सरकार वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए एक पेंशन योजना भी लागू करने जा रही है। सरकार का यह प्रयास है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार के साथ-साथ उन्हें सरकारी सेवा में नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए जाए। प्रदेश के 67 जिलों में खेल स्टेडियम और 68 जिलों में बहुउद्देश्यीय हाल तैयार किए जा रहे है।
सचिव श्री आनन्देश्वर पाण्डेय ने माननीय खेल मंत्री को अपना मांगपत्र दिया जिसमें उन्होंने मुख्य मांग की कि उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन एवं सभी राज्य खेल संघों की कार्यप्रणाली को प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए लखनऊ में किसी स्थान पर सबके लिए कार्यालय की व्यवस्था सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि ओलंपिक भवन का निर्माण उत्तर प्रदेश ओलपिंक एसोसिएशन अपने श्रोतो से करा लेगा।
मांग पत्र की अन्य मांगे इस प्रकार हैंः-
1. उत्तर प्रदेश मे यूथ राष्ट्रीय खेल 2019-20 कराने का निर्णय लिये जाने हेतु निर्णय लेने की कृपा करे।
2. सभी खेल संघों को आफिस खर्च के लिए वार्षिक अनुदान के रूप मे 6 लाख रू प्रतिवर्ष देने का निर्णय लेने की कृपा करे। ।
3. राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुदान राशि राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए 10 लाख एवं अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए 15 लाख स्वीकृत करने का निर्णय लेने की कृपा करे। ।
4. छात्रावास के खिलाडियो को उचित प्रोटीन, फूड सपलीमेन्ट, न्यूट्रीशियन द्वारा निर्धारित कराकर उपलब्ध कराया जाए ताकि उनका शारिरिक विकास हो सके जिससे खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रर्दषन कर सके।
5. प्रत्येक दो वर्ष के अन्तराल पर राज्य खेल का आयोजन कराने हेतु निर्णय लेने की कृपा करे।
6. यात्रा के दौरान नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेने वाले उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को हास्टल के खिलाड़ियों के समान दैनिक भत्ता दिया जाएं।
इस पर खेल मंत्री ने आश्वासन दिया कि हम प्रयास कर रहे है कि 2-3 एकड़ का भूखंड लेकर एक ही स्थान पर उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन व अन्य राज्य खेल संघों के लिए कार्यालय बनवाया जाये।
खेल मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार यह प्रयास कर रही है कि सभी राज्य खेल संघों को उनके कार्यालय एवं क्रियाकलापों को संचालित करने के लिए कम से कम तीन लाख रूपए का वार्षिक अनुदान उपलब्ध कराया जायें।
इस अवसर पर श्री पाण्डेय ने माननीय खेल मंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा कि खिलाड़ियों को पौष्टिक आहार व उपलब्ध कराने पर हमारे यहां कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है जबकि दूसरे देशों में खिलाड़ियों के पौष्टिक आहार पर पूरा ध्यान दिया जाता है। श्री पाण्डेय ने अवगत कराया कि भारतीय ओलम्पिक संघ ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए है और ग्लैनबिया न्यूट्रीशनल प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया गया है। ग्लैनबिया न्यूट्रीशनल प्राइवेट लिमिटेड के क्षेत्रीय निदेशक (साउथ एशिया) श्री अविक सान्याल भी बैठक में उपस्थित थे और उन्होंने प्रदेश में खिलाड़ियों को पौष्टिक आहार बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत की रियायत पर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।