Ram Mandir News: राम नाम से गृहणी ने लिख डाला श्रीराम चरित मानस

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RAM MANDIR:कहते हैं यदि आपके अंदर कुछ करने की इच्छा शक्ति है तो आप कोई भी काम आसानी ने कर सकते हैं। श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान श्रीराम मंदिर बनाने की कामना के संकल्प के साथ राजधानी के महानगर निवासी गृहणी अनुराधा बंसल ने राम नाम से गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित श्रीराम चरित मानस को लिख डाला। बिजनेसमैन पति के साथ दो बच्चों को संभालने की चुनौती के बीच उन्होने यह कारनामा कर दिखाया है। संकल्प आस्था और विश्वास के साथ 1992 में श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान शुरू हुई अटल प्रतिज्ञा पहले ही पूरी हो चुकी है,लेकिन उनका सपना अब साकार हो रहा है। 37 लाख बार राम-राम लिखकर संपूर्ण रामायण का लेखन करने वाली अनुराधा बंसल श्रीराम मंदिर के शिलान्यास से काफी खुश है। उनका कहना है कि आधी आबादी यदि चाहे तो कुछ भी कर सकती है। उनका कहना है कि मंदिर आंदोलन के दौरान शादी नहीं हुई थी। मैं इंटर में पढ़ रही थी। उस आंदोलन का हर किस्सा मुझे अभी याद है। मेरे पिता जी गोरखपुर में रहते थे और अधिवक्ता थे, लेकिन उनका धर्म के प्रति लगाव और सात्विक विचारधारा मुझे हमेशा प्रेरित करती है। बीएससी गोरखपुर विवि से बीएससी करने के बाद मेरी शादी हो गई। शादी के बाद मैं राजधानी आ गई। बिजनेसमैन पति कृष्ण नारायण बंसल जब अपने काम में बिजी रहते थे तो मुझे घर के काम के बाद जो समय मिलता था मैं राम नाम की हर चौपाई को लिखने लगी। 2010 में श्रीराम नवमी के दिन मैने गोस्वामी तुलसी दास हर चौपाई को पेपर पर राम राम के माध्यम से लिखना शुरू कर दिया । दशहरे के दिन 12 अक्टूबर 2012 को लेखन का कार्य पूरा हो गया, लेकिन इसे प्रिंट कराने के लिए मैं श्रीराम मंदिर निर्माण का इंतजार कर रही थी। हाथों से लिखकर पीडीएफ तैयार कर लिया है। पूरी रामायण लिखने में मुझे 37 लाख बार राम नाम की पुनरावृति करनी पड़ी। मेरे पति के बड़े भाई पुरुषोत्तम जी मेरा हौसला बढ़ाते थे।

रामनाम से बनाई तस्वीर

लेखन के साथ ही अनुराधा ने रामायण के प्रसंगों पर आधारित 36 चित्र भी रामनाम से बनाए हैं। श्रीराम दरबार के साथ ही लंका दहन, श्रीराम वनागमन, भरतमिलाप। जैसे प्रसंगों को चित्रों के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया है। अनुराधा ने हनुमान जी और शिव जी के संग्रह को भी 1008 बार नाम लिखकर तैयार किया है। उनका कहना है कि श्रीराम के प्रति आस्था ऐसी रही कि पता ही नहीं चला की पूरी रामायण कब तैयार हो गई। वह उसे छपवा कर अयोध्या में बनने वाले मंदिर ट्रस्ट को दान देना चाहती हैं।

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