स्थानीय उपज को भी राशन में बांटने को मिलेगी प्राथमिकता, उपभोक्ताओं को मिलेगा अपनी पसंद का अनाज
स्थानीय उपज को भी राशन में बांटने को मिलेगी प्राथमिकता, उपभोक्ताओं को मिलेगा अपनी पसंद का अनाजसुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में 1.50 करोड़ टन क्षमता के गोदाम बनेंगे। स्थानीय अनाज को राशन प्रणाली में बांटने की योजना को सफल बनाने के लिए गांव-गांव गोदाम बनाने की स्कीम को तेज कर दिया गया है। इससे स्थानीय किसानों को जहां उनकी उपज की सरकारी खरीद सुनिश्चित हो जाएगी, वहीं उपभोक्ताओं को राशन दुकानों से उनकी पसंद काअनाज मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फिलहाल गेहूं व चावल के अलावा थोड़ी बहुत दलहन और तिलहन की खरीद हो जाती है। जबकि सरकार 22 प्रमुख फसलों के समर्थन मूल्य घोषित करती है। मोटे अनाज वाली फसलों की खरीद को लेकर लगाता आवाज उठती रही है। राशन प्रणाली पर गेहूं व चावल के साथ मोटे अनाज के वितरण का भी प्रावधान है। लेकिन खरीद के साथ ऐसे अनाज के भंडारण का पुख्ता बंदोबस्त नहीं है। इसी कमी को पूरा करने के लिए सरकार ग्रामीण भंडारण सुविधा को बढ़ाने पर जोर दे रही है।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज भंडारण के लिए गोदाम बनाने की योजना को तेज करने पर सरकार का जोर है। लघु व सीमांत किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ऐसे ग्रामीण गोदामों को बनाने की योजना शुरु की गई है। ग्रामीण गोदामों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के माध्यम से पूरा किया जाएगा।