रवीन्द्रालय चारबाग में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेला का समापन
खूब भा रही स्थापित, समकालीन और युवा लेखकों की किताबें
रीता बहुगुणा जोशी भी शामिल होंगी समापन समारोह
लखनऊ, 13 सितम्बर। पुस्तक मेले का मतलब सामान्य तौर पर कहानी कविता आदि की साहित्य जगत की पुस्तकों से लिया जाता है। रवीन्द्रालय चारबाग में पांच सितम्बर से चल रहे किताबों के मेले में साहित्य की ऐसी पुस्तकों के साथ ही लगभग हर विषय की किताबें पुस्तक प्रेमियों को भा रही हैं। सुबह 11 से रात नौ बजे तक जारी निःशुल्क प्रवेश वाले समापन की दहलीज पर खड़े राष्ट्रीय पुस्तक मेले में सभी ग्राहकों को पुस्तकों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है। मेले का समापन कल शाम यहां पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी मुख्य अतिथि के तौर पर प्रमुख सहयोगियों व स्टाल धारकों को स्मृतिचिह्न देका सम्मानित करेंगी।
राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आज नवां दिन था और समापन के करीब होने के नाते यहां पुस्तक प्रेमियों की खासी भीड़ सुबह से ही दिखाई दे रही थी। संयोजक देवराज अरोड़ा ने बताया समापन दिवस कल वे और अच्छी बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। मेले में उपन्यास, कविता, कहानी के साथ ही सबसे ज्यादा मांग वैचारिक और सामयिक विषयों पर लिखे गए साहित्य की है। स्त्री और दलित विमर्श पर केन्द्रित किताबें भी खूब पसंद की जा रही हैं। प्रभात, राजपाल, सामयिक, राधाकृष्ण, साहित्य भण्डार के स्टालों पर प्रेमचन्द, बच्चन, अमृता प्रीतम, नीरज, धर्मवीर भारती, अमृतलाल नागर, यशपाल, नरेन्द्र कोहली जैसे कालजयी रचनाकारों के संग ही देवदत्त पटनायकव अशोककुमार पाण्डेय, शरद सिंह समकालीन और इरशा खान सिकंदर जैसे युवा साहित्यकारों की पुस्तकें बिक रही हैं। पत्रिकाओं में ग्रास हार्पर जैसी राहुल श्रीवास्तव-कमलेश श्रीवास्तव के संपादन में विचारोत्तेजक लेखों वाली द्विभाषी मासिक पत्रिका आकर्षक कलेवर में साहित्यप्रेमियों का ध्यान खींच रही है। प्रभात के स्टाल पर भी साहित्य से जुड़ी स्तरीय पत्रिकाएं हैं।
प्रमुख आयोजनों में आज यहां संविधान कथा का आयोजन कथा प्रवर्तक गिरीश एन पाण्डेय द्वारा किया गया। जहां लोगों को सहज ही भारतीय संविधान का सहज रूप समझाते हुए पालन का आग्रह करते हुए लोगों की जिज्ञासाओं को शांत किया। संविधान आधारित उनकी पुस्तक जागो गणराजय जागो की मेला काउण्टर से लगभग 50 प्रतियां आज ही बिक गईं। जनसंस्कृति मंच की ओर से कौशल किशोर के संयोजन व संचालन में आसिफाओं के नाम कविताओं की शाम कार्यक्रम में ‘आसिफाओं के नाम’ व मुझे कविता पर भरोसा है दो कविता संग्रहों का विमोचन हुआ। साथ ही उपन्यासकार शीला रोहेकर की अध्यक्षता में आयोजित कवि गोष्ठी में वन्दना मिश्रद्व उषा राय, विमलकिशोर, इंदु पाण्डेय, फरहत दुर्रानी शिकस्ता आदि ने काव्य पाठ किया। यहां उपस्थित रचनाकारों बुद्धिजीवियों में व सुभाष राय, कल्पना पाण्डेय, अरुण सिंह, गिरीश पाण्डेय भी शामिल रहे। इससे पहले सुबह अगीत परिषद के काव्य समारोह में विजयकुमारी मौर्य के स़द्य प्रकाशित बाल कविता संग्रह बेटू राजा का लोकार्पण हुआ। साथ ही डा.रंगनाथ मिश्र सत्य की अध्यक्षता में महेशचन्द्र द्विवेदी, वीजी गोस्वामी, डा.धनंजय सिंह, नीरजा द्विवेदी, अनिलकिशोर शुक्ल निडर, मनु बाजपेयी, रामप्रकाश शुक्ल प्रकाश, विजय त्रिपाठी, बलदेव त्रिपाठी, चन््रपाल सिंह, टेकचन्द प्रेमी, नवीन बैसवारी, अर्जुन सागर, राजेन्द्र वर्मा, बेअदब लखनवी, प्रेम नारायण मेहरोत्रा, निर्दोष, जया शर्मा, मुकेश नन्द, डा.प्रमोद पल्लवित, नरेन्द्र भूषण आदि ने काव्यपाठ किया।
दाना पानी संस्था की ओर से गौरव और साथियों ने पुतले आदि की सहायता से रुचिकर अंदाज में सांस्कृतिक पाण्डाल में उपस्थित बच्चों और श्रोताओं को प्रेरक कहानियां सुनाकर प्राणियों की सेवा के लिए प्रोत्साहित किया। आज के कार्यक्रमों का समापन संत निरंकारी मिशन के सत्संग से हुआ।