भारतीय रेल के विभिन्न क्षेत्रीय रेलों, उत्पादन इकाइयों में महत्वपूर्ण एवं संरक्षा संबंधी मदो की आपूर्ति हेतु आरडीएसओ इच्छुक विक्रेताओं का मूल्यांकन कर इन आपूर्ति हेतु उनका अनुमोदन करता है।
आरडीएसओ ने भारत सरकार की मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत भावी विक्रेताओं को भारतीय रेलवे आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने एवं व्यापार करने में आसानी के लिए अपनी विक्रेता अनुमोदन नीति में प्रमुख नीतिगत परिवर्तन किए हैं।
सामान्य विक्रेताओं के लिए विक्रेता पंजीकरण शुल्क अब रु 2.5 लाख रुपये से घटाकर 15 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, एम एस एम ई विक्रेताओं की अधिक भागीदारी को सक्षम करने के लिए एम एस एम ई लिए पंजीकरण शुल्क रु 1.5 लाख रुपये से घटाकर रु 10 हजार रुपये कर दिया गया है। विदेशी फर्मों के लिए पंजीकरण शुल्क $12000 डॉलर से घटाकर $500 डॉलर कर दिया गया है।
आरडीएसओ ने एक अन्य प्रमुख नीतिगत पहल के रूप में नमूना/प्रोटोटाइप परीक्षण शुल्क को अब पूरी तरह समाप्त कर दिया है और आरडीएसओ में नमूना परीक्षण के लिए यह प्रक्रिया मुफ्त कर दी गई है।
आरडीएसओ ने विक्रेता अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, रेलवे को आपूर्ति सुनिश्चित करने से पहले सफल नमूना/प्रोटोटाइप परीक्षण की सफलता शर्त के साथ क्षमता मूल्यांकन के पूरा होने के तुरंत बाद आवेदक के रूप में विक्रेता को विकासात्मक विक्रेता के रूप में अनुमोदित करने की क्रांतिकारी प्रणाली विकसित की है। इस प्रकार आवेदक वेंडर क्षमता मूल्यांकन के तत्काल बाद विकासात्मक विक्रेता के रूप में रेलवे निविदाओं मेँ भाग लेने के पात्र हो गए हैं। इस प्रकार अब रेल मर्दों की आपूर्ति हेतु निकाली गई निविदाओं मैं अधिकाधिक संख्या में वेंडर भाग ले सकेंगे एवं बड़ी प्रतियोगिता का लाभ रेलवे को मिल सकेगा।
विक्रेता पंजीकरण प्रक्रिया मैं तेजी लाने एवं उसे पारदर्शी ल्राने हेतु आरडठीएसओ ने आई आर ई पी एस वेबसाइट पर यूनिफाइड वेंडर अप्रूवल मॉड्यूल (यू वी ए एम) लांच किया है और वेंडर अप्रूवल प्रक्रिया को पूरी तरह से ससल कर दिया गया है।इस पोर्टल पर सभी इच्छुक वेंडर अनुमोदन हेतु आवेदन कर सकते हैं और अपने आवेदन के प्रगति के बारे मेँ अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आरडीएसओ द्वारा वेंडर अप्रूवत्र हेतु किए जा रहे प्रोत्साहन के कारण वर्ष 2021 मेँ 600 नये विक्रेताओं को पंजीकृत किया गया जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि में पंजीकृत किए गए नये 340 विक्रेताओं के अपेक्षा 76.5% अधिक है।
आशा है कि उरोक्त परिवर्तनों से एमएसएमई विक्रेताओं सहित वेंडरों को भारतीय रेलवे के साथ अधिक जुड़ने का लाभ मिलेगा और इसके परिणाम स्वरूप आरतीय रेलवे और उदयोग को दूरगामी लाभ होंगे।