आरडीएसओ में 73वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया गया। गणतंत्र दिवस के इस समारोह में श्री संजीव भुटानी, महानिदेशक/आरडीएसओ ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और आरपीएफ डक की सलामी ली। आरडीएसओ स्टेडियम में अधिकारियों और कर्मचारियों के सीमित संख्या एवं एहतियात के साथ कोविड -19 के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करते हुए गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, श्री संजीव भूटानी महानिदेशक/आरडीएसओ ने कोविड योद्धाओं चिकित्सा कर्मवारियों और स्वच्छता कर्मचारियों को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए धन्यवाद दिया! महानिदेशक महोदय ने आरडीएसओ के कई प्रमुख उपलब्धियों और विकासात्मक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला | अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं मानक संस्थान आरडीएसओ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के “एक राष्ट्र एक मानक” मिशन के अंतर्गत मानक विकास संगठन (एसडीओ) के रूप में घोषित पहली संस्था बन गया है। आरडीएसओ ने पूर्ण स्वदेशी तकनीक पर आधारित वंदे भारत ट्रेन का विकास किया एवं टक्कर ओर बचाव की महत्वपूर्ण प्रणाली कवच नामक एक नई सिग्नलिंग प्रणाली का विकास किया है।वेंडर रजिस्ट्रेशन में तेजी लाने हेतु आरडीएसओ नियंत्रण मद की आपूर्ति के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पंजीकरण शुल्क 2 .5 लाख रुपये से घटाकर मात्र 15000 रुपये कर दिया गया है ओर परीक्षण शुल्क भी पूरीतरह से माफ कर दिया गया है। इन महत्वपूर्ण निर्णयों के फलस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प॑जीकत किए गए बैंडर 76.5% अधिक है। मेट्रो के सुरक्षा प्रमाणीकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण से पारदर्शिता लाने ओर अनुमोदन प्रक्रिया में लगभग 30% की तेजी लाई गयी है। आरडीएसओ इस वर्ष 11 दोलन परीक्षण ओर 15 अन्य परीक्षणों को संपादित किया। आरडीएसओ द्वारा 130 केएमपीएच की गति क्षमता वाले डब्लू ए पी 7 इंजन के भार में 14.5 टन की कमी कर इसे 160 केएमपीएच की गति के लिए उपयुक्त बना दिया है। आरडीएसओ के वेगन निदेशालय ने एल्पुमिना, कई ऐश, सीमेंट और आयरन क्राइल के परिवहन के लिए उपयुक्त बी.टी.एफ.सी टेंक वेगन एवं बी.एफ.एन.वी वैगन का विकास किया
आरडीएसओ द्वारा ज्वलनशील खाना पकाने वाली पेंट्री कार के लिए विदयुत् योजना को अंतिम रूप दिया गया । “मेक इन इंडिया” पहल के अंतर्गत आरडीएसओ ने सीएसडबल्यू के सहयोग से 9000 एचपी के विदधुत इंजन डब्लू ए जी 9 एच एच एवं 6000 एच पी क्षमता वाले डब्लू डी जी 6जी रेल इंजन का विकास किया है। जिसके द्वारा भारी मालगाड़ियों के संचालन में सुविधा मिलेगी। आरडीएसओ ने यात्रियों के यात्रा को यादगार बनाने के लिए विस्टाडोम टुरिस्ट कोच, रेल परिवहन क्षमता में सुधार के साथ-साथ यात्रियों के भाड़े में कमी हेतु एयर स्थ्रिंगयुक्त एलएचबी वातानुकूलित प्री-टायर एकोनोमी क्लास कोच एवं एफ एम जी सी के सुगम परिवहन के लिए आई सी एफ एसी कोच का विकास किया। डबल ओर ट्रिपल डी डब्लू एआर एफ कंटेनर का विकास एवं गार्ड रहित मालगाड़ी के लिए एंड ऑन ट्रेन टेलीमेट्री ((ओटीटी) शुरू करने की भी योजना पर कार्य कर रहे हैं। अपने संबोधन में महानिदेशक महोदय ने बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल भारत पहल के तहत आरडीएसओ द्वारा ऑनलाइन यूवीएएम पोर्टल का विकास किया गया है, जो कि रेल कार्यों से जुड़े वेंडरों को अधिक से अधिक जोड़ेगा, यह पोर्टल उद्योग जगत के लिए सरलता एवं पारदर्शिता लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा |कोविड से निपटने के लिए आरडीएसओ अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति के लिए 180 एल एम पी क्षमता का पीएसए संयंत्र स्थापित किया एवं आरडीएसओ अस्पताल को स्वतंत्र अस्पताल दर्जा दिया गया। इस अवसर पर आजादी के 75 वें वर्ष को “आजादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत आयोजित किए गए कविता, स्लोगन, पोस्टर, निबन्ध आदि विभिन्न प्रतियोगताओं में शामिल प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विजेताओं को पुरुस्कृत किया गया। इस अवसर पर श्रीमती निशा भुटानी, अध्यक्षा आर डब्ल्यू डब्ल्यू ए एवं आरडीएसओ के अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे और अन्य अन्य अधिकारी और कर्मचारी वेबकास्ट के माध्यम से समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर एक संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।