आरडीएसओ यात्री कोच में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और इस अभियान को जारी रखते हुए आरडीएसओ के परीक्षण निदेशालय ने पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के कोटा डिवीजन के नागदा-कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन में 120 सीटिंग क्षमता वाले एसी-डबल डेकर चेयर कार-एलएचबी कोच का ऑसिलेशन ट्रायल पूरा कर लिया है। । ट्रायल्स की यह श्रृंखला आधुनिक एलएचबी कोचों के हाल के डिजाइन को साबित करने के लिए और कोच की स्थिरता और सवारी विशेषताओं सहित सुरक्षा मानकों का पता लगाने के लिए 120 किमी प्रति घंटे की प्रारंभिक गति से शुरू हुई जो भारतीय रेलवे ट्रैक पर 180 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई।
यह परीक्षण एलएचबी अपग्रेडेड एसी पेंट्री कार के उच्च गति परीक्षणों के साथ एक के बाद एक किया गया था, जिसके लिए आरडीएसओ परीक्षण टीम लगातार 5 सप्ताह तक फील्ड ट्रायल पर रही। डबल डेकर चेयर कार -एलएचबी कोच का परीक्षण 6 जुलाई को शुरू हुआ और 18 जुलाई को बिना किसी विराम के एक बार में पूरा हुआ। कोटा मंडल के यांत्रिक विभाग की मदद से रात में कोच की लोडिंग को समन्वित किया गया था, जिससे कि ट्रायल रन के बीच कोई ब्रेक न हो और इसे समय पर पूरा किया जा सके। लॉन्ग कन्फर्मेटरी रन (LCR) 66 किमी तक 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से खाली और 51 किमी तक लोडेड स्थिति में किया गया, जो 18/07/22 को सफलतापूर्वक पूरा हुआ। विश्लेषण और अनुसंधान के लिए लॉन्ग रन के दौरान EN-12299 पद्धति के अनुसार राइड इंडेक्स असेसमेंट के लिए डाटा एकत्र करने हेतु लोंगीट्युडनल,वर्टीकल एवं लेटरल एक्सेलेरोमीटर उपकरण लगाये गए थे । आरडीएसओ की परीक्षण टीम में संयुक्त निदेशक श्री आर.एस तिवारी, उप निदेशक श्री एस. तिरु और परीक्षण निदेशालय, आरडीएसओ के अन्य वरिष्ठ और योग्य सदस्य शामिल थे। इस टीम के सभी सदस्य पिछले 15 दिनों से कोटा में थे और परीक्षण हेतु दिन-रात काम करते रहे, ताकि सभी उपयोगी डेटा एकत्र किया जा सके और निर्णायक परिणाम समय पर प्राप्त किया जा सके।
180 किमी प्रति घंटे की गति को बनाए रखना वास्तव में एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इस खंड में कई स्थायी और अस्थायी गति प्रतिबंध संचालित थे, जिसके परिणामस्वरूप उच्च त्वरण और ब्रेकिंग के लगातार चरण पड़ते थे, इसके समाधान हेतु कोटा डिविजन के यातायात विभाग के साथ एक गहन कार्य योजना तैयार की गई।
यह ट्रायल ईडी परीक्षण, आरडीएसओ, श्री रूपेश कोहली के मार्गदर्शन में और पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के कोटा मंडल के पर्यवेक्षकों की सहायता से किया गया। यदि ये परीक्षण सफल साबित होते हैं, तो इस रोलिंग स्टॉक को जल्द ही 160 किमी प्रति घंटे की गति का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।