प्रमुख साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था रूबरू फाउंडेशन द्वारा आयोजित हिंदी उत्सव का आयोजन बाबा ठाकुर दास इंटर कॉलेज घसियारी मंडी लखनऊ में किया गया जिसमें वरिष्ठ साहित्यकारों ने हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किए इस अवसर पर कवि एवं लेखक इरशाद राही ने सत्र का उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में कहा. . . कुछ विद्वानों का मानना है. की. हिंदी के जन्मदाता अमीर खुसरो है उन्होंने हिंदीवी और खड़ी बोली का प्रयोग किया और साथ ही साथ इसका विकास और विस्तार जमकर किया आजादी के बादहिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी भी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने के[1]लिए काका कालेलकर, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किये। वक्ता के रूप में डॉक्टर प्रोफेसर सावरा हबीब डॉ शोभा त्रिपाठी, डॉक्टर तबस्सुम खान ,डॉ रुचि श्रीवास्तव, एवं रुबीना जमीन ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और हिंदी के विकास और विस्तार के लिए काम करने पर जोर दिया गया ओम सिंह ने कहां रूबरू फाउंडेशन साहित्य के क्षेत्र में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है वह हिंदी और उर्दू भाषाओं के लिए लगातार सरगम है और साथ ही साथ एक बहुत बड़ा कारवां लिखने वालों का रूबरू के साथ है मुझे रूबरू के सभी कार्यक्रम बहुत अच्छे लगते हैं और जो नए लिखने वालों को रूबरू मंच प्रदान करता है अपने वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ उसके लिए रूबरू को और इरशाद राही को मुबारकबाद इस अवसर पर रूबरू के सचिव मोहम्मद अजहर हुसैन मेहमानों का स्वागत किया और बताया के रूबरू के लगभग 5000 हिंदी उर्दू के कवि एवं लेखक मेंबर हैं एक बहुत लंबा परिवार है रूबरू का मैं सभी का स्वागत करता हूं इस्तकबाल करता हूं इस अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें जिन कवियों एवं कवित्रीयों ने अपनी रचनाएं पढ़ी उनके नाम इस प्रकार है……. शक्ति बाजपाई ,एलपी गुर्जर सरिता कटियार ,यदुनाथ सुमन, ज्योत्सना सिंह ,मनोज, भावना मौर्य, डॉ हरी फैजाबादी प्रतिभा, आकांक्षा अवस्थी , तेज शंकर तेज, सुरेश सक्षम एवं इरशाद राही ने अपनी कविताओं से पाठकों के दिलों में जगह बनाई यह कार्यक्रम 2 घंटे तक खचाखच भरे हाल में चलता रहा अंत में मेहमानों का धन्यवाद श्रीमती आकांक्षा अवस्थी ने अदा किया इस कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदीप शुक्ला ने किया