सहारा रेगिस्तान की धूल अटलांटिक महासागर होते हुए अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी इलाके में छा जाने को तैयार है। यह करीब 5,000 मील का सफर तय कर चुकी है और अमेरिका में 20 से 30 हजार फीट ऊंचाई पर पहुंचने वाली है। इससे पूरे विशाल अमेरिकी क्षेत्र में संभावित रूप से तूफान उठ सकता है।
हाल ही में अंतरिक्ष यात्री डग हर्ले ने अपने ट्विटर हैंडल से पृथ्वी की ऐसी ही तस्वीर साझा की थी जिसमें उन्होंने लिखा था, आप देख सकते हैं कि सहारा के रेगिस्तान की धूल किस तरह से अटलांटिक महासागर होते हुए अमेरिका के आसमान का रंग बदल रही है।
सहारा मरुस्थल की यह धूल इतनी तेजी में आ रही है कि यह अंतरिक्ष से नीले रंग के पानी में फैले ग्रे रंग के बादल की तरह दिख रही है। अमेरिका के राष्ट्रीय मौसम सेवा कार्यालय के वैज्ञानिक डेविड वैली ने कहा कि संभवत: यह धूल सूरज की रोशनी को ढंक ले। धूल का यह ढेर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर डाल सकता है।
एलर्जी, अस्थमा रोगियों को खतरा
बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉ. सैंड्रो गालिया ने कहा कि इससे एलर्जी, अस्थमा या वायुजन्य बीमारियां असहज रूप से उभर सकती हैं। न्यूयॉर्क के हिल अस्पताल के डॉ. लेन होरोविट्ज ने बताया कि यह धूल फेफड़ों को प्रभावित करेगी। उन्होंने बीमारी से पीड़ित लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
हजारों मील की यात्रा कर सकती है धूल
अमेरिका के मौसम विज्ञानी हेली ब्रिंक ने कहा कि पूर्व से पश्चिम की तरफ हवा चल रही है। इस वजह से पूरी पृथ्वी पर धूल फैल रही है। सहारा की धूल के बड़े गुबार नियमित रूप से वसंत ऋतु में अटलांटिक महासागर में गिरते हैं। हर बार धूल का प्लम काफी बड़ा होता है। आपको बता दें कि यह धूल अटलांटिक से दिशा बनाते हुए हजारों मील की यात्रा कर सकती है।