काव्य समारोहों के संग नीरज को देखा गया ‘दिल की कलम से’
लखनऊ, न तो कला की कोई सीमा है और साहित्य की। साहित्य और कला के रिश्ते बहुत गहरे हैं। नये संदर्भों में इसे आज की पीढ़ी के लिए समझना आवश्यक है। इन अंतर्सम्बंधों का खुलासा करती किताबें रवीन्द्रालय लाॅन चारबाग में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में सहज ही पुस्तक प्रेमियों को उपलब्ध हैं। सुबह 11 से रात नौ बजे तक जारी निःशुल्क प्रवेश वाले इस राष्ट्रीय पुस्तक मेले में सभी ग्राहकों को पुस्तकों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है। यह मेला हिन्दी दिवस 14 सितम्बर तक चलेगा।
खुले गर्म-नर्म मौसम में सातवें दिन शाम को पुस्तक मेले में खासी रौनक दिखाई दी। यहां कला विषयों पर किताबें तो लगभग हर स्टाल में मिल जाएंगी पर विधि बुक्स के स्टाल पर पाली पेण्टिंग्स, टैक्सटाइल आफ इण्डिया-तानाबाना, टैगोर की पेण्टिंग्स की पुस्तक, एलिफैण्ट किंगडम, थ्रेड्स आफ आइडेण्टिटी और इण्डियन एथनिक डिज़ाइन्स जैसी बहुत सी किताबें हैं। भारतीय कला प्रकाशन के स्टाल पर कला व संस्कृति के इतिहास से जुड़ी प्रख्यात लेखकों की प्रामाणिक पुस्तकों की संख्यात काफी है। वहीं अर्ली इण्डियन आर्ट एण्ड आर्कीटेक्चर, इण्डियन आर्ट 150-1970, राजस्थानी चित्रकला, एनाटाॅमी ड्राइंग स्कूल के बीच रौशन तकी की लखनऊ अपने आइने में महत्वपूर्ण पुस्तक है। वहीं नवकलाकारों को प्रेरित करने वाली बी एन आर्टिस्ट भी कला प्रेमियों को आकर्षित करने की क्षमता रखती है। इसके साथ ही बच्चों के लिए कला, साहित्य और विज्ञान से जुड़ी किताबें पुस्तक प्रेमियों को पसंद आ रही हैं।
आकाशवाणी के स्टाल पर बड़े गुलाम अली खां, भारतरत्न बिस्मिल्लाह खां, बेगम अख्तर, वीडी पलुस्कर जैसे दिग्गज कलाकारों के बीच मन्ना डे मेले में कुछ नई आमद भी दिखाई दे रही है। इसमें कथा सरिता सीरीज की पहली कड़ी में इस्मत चुगताई, राजेन्द्र सिंह बेदी, निर्मल वर्मा, राजेन्द्र यादव, गीतांजलि श्री, गुलशेर खां शानी और विष्णु प्रभाकर की कहानियों से सजी सीडी है। इसके अलावा बाबा नार्जाजुन शीर्षित नागार्जुन की साहित्यिक यात्रा, हिन्दी व बांग्ला कविता पाठ, संस्मरणों और केके नैयर के लिए इंटरव्यू की सीडी और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की व्यंग्यवाताओं और भेंटवार्ता की सीडी भी अहम दस्तावेज है।
प्रमुख आयोजनों में आज यहां साहित्यगंधा की ओर से हास्यकवि सर्वेश अस्थाना के संयोजन में आयोजित काव्य संध्या में ज्ञानेन्द्र वत्सल, वत्सला पाण्डेय, हर्षिता मिश्रा, चन्द्रेश शेखर, मुकुल महान, संध्या सिंह, शिखा श्रीवास्तव, सौरभ टण्डन शशि ने काव्य रचनाओं ने ओज, शृंगार, हास्य-व्यंग्य के रंग बरसाए। अभा साहित्य उत्थान परिषद की ओर से व्यंग्य कवि मुकुल महान की अध्यक्षता व विपिन मलिहाबादी के संयोजन में आयोजित काव्यगोष्ठी में प्रतिभा सिंह, कैलाशप्रकाश त्रिपाठी पुंज, व्याख्या मिश्रा, प्रख्यात मिश्रा, डा.विद्या विंदु सिंह को साहित्य भारती व डा.शर्मेश शर्मा, शिखा सिंह, अमित सिंह, विकास बौखल मनु बाजपेयी, प्रतिभा गुप्ता आदि काव्यपाठ करने वाले कुल 31 रचनाकारों को साहित्यश्री सम्मान प्रदान किया गया। हैल्प यू ट्रस्ट की ओर से गीतकार गोपालदास नीरज के व्यक्तित्व व कृतित्व पर तैयार विशेष वृत्तचित्र दिल की कलम से का प्रदर्शन स्क्रीन पर किया।