संगीत और प्रकृति एक ही हैं : प्रो रिकी केज, सीएसआईआर ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

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लखनऊ। एकल उपयोग प्लास्टिक को अस्वीकार करें और ऐसे प्लास्टिक को इन्कार करें जिसका आप फिर से उपयोग नहीं कर सकते हैं। इस प्रकार हम एक स्वच्छ और हरित विश्व के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। यह संदेश संयुक्त राष्ट्र महासचिवए संयुक्त राष्ट्र एंटोनियो गुटेरेस की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर मंगलवार को राजधानी में दिया गया। प्लास्टिक का व्यापक उपयोग एक विश्वव्यापी पर्यावरणीय मुद्दा है और प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं और इसके लिए विशिष्ट प्रयास करने की आवश्यकता है। इस साल भारत विश्व पर्यावरण दिवस 2018 समारोहों की मेजबानी कर रहा है। अत्यधिक प्लास्टिक उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के साथ समन्वय बनाते हुए सीएसआईआर.भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के द्वितीय निदेशक के सम्मान में डॉ सीआर कृष्णमूर्ति मेमोरियल ऑरेशन का आयोजन किया गया। इस वर्ष 22वां व्याख्यान प्रोफेसर रिकी केज, ग्रैमी अवॉर्ड विजेता, संगीतकार और एडजंक्ट प्रोफेसर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बेंगलुरू द्वारा दिया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान म्यूजिक फार द प्लेनेट में कहा कि संगीत सिर्फ एक संदेश संचार करने का माध्यम ही नहीं बल्कि एक श्रोता की चेतना में गहराई तक उस संदेश को बनाए रखने के लिए भी एक शक्तिशाली भाषा है। उनका मानना है कि संगीत और प्रकृति एक ही हैं और उन्होंने अपने जीवन को पर्यावरणीय चेतना जगाने और अपने संगीत के माध्यम से जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित कर दिया है।
सभा का स्वागत करते हुएए सीएसआईआर. भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने कहा कि यह संस्थान के लिए एक गर्व का विषय है कि उसे एक ऐसे ग्रैमी अवॉर्ड विजेता कलाकार की मेजबानी करने का अनूठा अवसर मिला जो संगीत और प्रकृति को मिलाकर दुनिया भर के कलाकारों को पर्यावरण संरक्षण की ओर काम करने के लिए एक साथ लाया है। प्रोफेसर पी के सेठ, नासी वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्लैटिनम जुबली फेलो और पूर्व निदेशक सीएसआईआर . भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने समारोह की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और पर्यावरण की देखभाल एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं। प्रकृति के पांच तत्वों को आमंत्रित करना हमारे दैनिक दिनचर्या का भाग है और पूरे ब्रह्मांड के लिए शांति और सदभाव के लिए प्रार्थना किए बिना कोई भी अवसर पूरा नहीं होता है। इस अवसर पर पिछले सप्ताह स्कूली बच्चों के लिए आयोजित प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करो विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता के पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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