सरकारी वेतन पाने वालों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में कब पढ़ेंगे : संदीप पाण्डेय

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मुख्य सचिव, उ.प्र. शासन, राजीव कुमार को लिखा पत्र
लखनऊ। सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों बच्चें अनिवार्य रूप से सरकारी विद्यालयों में पढ़े, ऐसे न्यायालय के फैसले को लेकर रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पाण्डेय ने मुख्य सचिव, उ.प्र. शासन, राजीव कुमार को पत्र लिखा है।
आइए देखते है कि श्री पाण्डेय ने पत्र में क्या लिखा है।

सेवा मेंः श्री राजीव कुमार, मुख्य सचिव, उ.प्र. शासन, लखनऊ

दिनांकः 26 अप्रैल 2018

प्रेषकः संदीप पाण्डेय, ए-893, इंदिरा नगर, लखनऊ-226016

फोनः 0522 4242830, सम्पर्कः 9415022772 (अरुंधती धुरू)

Email: ashaashram@yahoo.com

विषयः न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के 2015 व न्यायमूर्ति अजीत कुमार के साथ 2018 के फैसले को लागू कराने हेतु आग्रह।

आदरणीय महोदय,

18 अगस्त 2015 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने तत्कालीन मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन के नाम एक फैसला दिया था कि उत्तर प्रदेश में छह माह में यह व्यवस्था लागू की जाए कि सभी सरकारी वेतन पाने वालों के बच्चे अनवार्य रूप से सरकारी विद्यालयों में ही पढ़ें और न्यायालय में क्रियान्वयन आख्या जमा की जाए। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने यह भी व्यवस्था दी थी कि जो अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाना चाहें वे सरकार को जुर्माना, जितना वे बच्चे की शिक्षा पर खर्च करेंगे, देकर पढ़ा सकते हैं लेकिन उनकी प्रोन्नति व वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगेगी। मेरी समझ में इसके अलावा और कोई तरीका बचा नहीं है जिससे सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जा सके। वर्तमान मुख्य सचिव के रूप में यदि यह ऐतिहासिक काम आपके हाथों से हो जाए तो आम जनता का बहुत कल्याण होगा। सरकारी या गैर-सरकारी जो लोग आज अपने बच्चों की पढ़ाई बड़ी कठिनाई से करा पा रहे हैं और निजी विद्यालय जिनका मनमाना शोषण कर रहे हैं उससे उनको मुक्ति मिलेगी।

हाल ही में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने ही एक अन्य न्यायमूर्ति अजीत कुमार के साथ एक संयुक्त फैसला सुनाया है कि सभी सरकारी वेतन पाने वाले सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराएं और अति महत्वपूर्ण व्यक्ति कोद विशेष सुविधा की मांग न करें। यह फैसला सरकारी चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने का काम करेगा।

उपरोक्त दोनों फैसले आम जनता की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण हैं और उसकी जिंदगी में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। साथ ही इन फैसलों से समता के लोकतांत्रिक मूल्य को स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।

आशा है आप जनहित में इन फैसलों को लागू करेंगे।

धन्यवाद,

(संदीप पाण्डेय)

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