अयोध्या। अयोध्या थानाक्षेत्र के गुप्तारघाट पर सूनसान इलाके में सरयू स्नान की कोशिश आगरा के 15 सदस्यीय परिवार पर वज्रपात साबित हुआ है। सबसे पहले जूली तेज धारा में बही, फिर उसे बचाने में मची अफरा-तफरी से एक-एक कर दो मासूम समेत 12 लोग नदी की प्रचंड धारा में समाने लगे। कम पानी में खड़े तीन सदस्यों की चीख-पुकार के बाद शुरू हुए सेना, एनडीआरएफ और पुलिस-पीएसी के रेस्क्यू अभियान दो लोगों तो जिंदा बचाया गया, जबकि छह साल की धैर्या लहरों के थपेड़ों के बीच तैरकर किनारे लगी। बाकी छह शव निकाले गए हैं, तीन की तलाश हो रही है। आला अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है और बचाव कार्य में तेजी के निर्देश दिए हैं। इस हादसे में सात की जान चली गई।
सिकंदरा थानाक्षेत्र के शास्त्रीपुरम निवासी अशोक पुत्र नेमीचंद ( 65) अपनी पत्नी राजकुमारी ( 61) पुत्र ललित (40) व पंकज (25), पुत्री जूली (29) व गौरी (28) समेत अपने शादी-शुदा तीन बेटियों, पांच बच्चों व एक दामाद के साथ अयोध्या शुक्रवार सुबह ही आए थे। दर्शन-पूजन के बाद रामनगरी के नया घाट से एक स्टीमर पांच हजार में बुक करके करीब 12 किलोमीटर दूर गुप्तार घाट आए। यहां घाट पर टहलते हुए करीब दो सौ मीटर दूर सूनसान इलाके के कच्चा घाट पर चले गए। जहां पहले चार महिलाएं हाथ-पैर धोने नदी में गईं, देखते ही देखते बच्चे व पुरुष सदस्य भी पानी में आ गए।