लखनऊ, ऊर्जा उत्पादन, नई वैकल्पिक तकनीक, उपयोग व स्रोतों को बढ़ाने और ऊर्जा खपत कम करने पर व्यापक विचार विमर्श के मकसद से यहां होटल पिकाडेली में भारतीय सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एण्ड एयरकंडीशनिंग इंजीनियर्स ‘इषरे’ के लखनऊ चैप्टर की ओर से सेमिनार ऊर्जावरण का आयोजन किया गया। साथ ही नई तकनीकों से परिचित कराकर उपाय सुझाते हुए लोगों को जागरूक किया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप मौजूद यूपी इलेक्ट्रिसिटि रेग्युलेट्री कमीषन के मेम्बर एस के अग्रवाल ने द्वीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
ऊर्जावरण षीर्षित यह नवां आयोजन राजीव विग के संयोजन में ’जलवायु परिवर्तन और उभरती तकनीकों’ पर केन्द्रित रहा। श्री विग ने सबका स्वागत करते हुए उम्मीद जाहिर की कि इस कार्यक्रम में भागीदारी न केवल उद्योग विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगी बल्कि उपर्युक्त तकनीकी क्षेत्रों में नवीनतम रुझानों को सामने रख इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा मंच है जहां देश भर के इस दिषा में कार्यरत विषेषज्ञ अनुभव, अनुसंधान कार्य व नवीनतम हरित प्रौद्योगिकियों को परस्पर साझा करते हैं। उन्होंने बताया कि ऑटोमेशन यानी स्वचालन ऊर्जा संरक्षण की उभरती हुई एक ऐसा तकनीक है, जिसको देश में बड़ी तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। खास तौर पर सोलर एनर्जी में इसके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके जरिये व्यर्थ हो रही बिजली की खपत को रोककर विभिन्न घरेलू सामग्रियों से लेकर हर किसी वस्तु को एप के जरिये मोबाइल फोन व रिमोट से मॉनीटर व कंट्रोल किया जा सकता है। सुरक्षा के लिहाज है यह बेहद उपयोगी है। देषभर में 26 स्थानों पर ऊर्जावरण जैसे आयोजन करने के साथ ही हम श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देषों में आयोजित कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
प्रमुख वक्ताओं में ओपल एचवीएसी इंजीनियर्स मुंबई के निदेषक गौतम बलिगा ने स्वच्छ कमरे और स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित विषयों पर बात रखी।एयरकंडीशनिंग विषेषज्ञ सेवकोन दिल्ली के निदेषक सुनील खेर ने इसकी नयी तकनीकियो से अवगत कराते हुये कहा कि इनका इस्तेमाल कर के बिजली की बड़े पैमाने पर बचत की जा सकती है। जयपुर से आए गौरंग पर्यावरण के विपुल खांडेलवाल ने बताया कि उच्च समाज में जेनरेटर से तैयार बिजली के उपयोग का चलन बढ़ा है किंतु यह एक महंगा और पर्यावरण संतुलन को बिगाड़कर जलवायु परिवर्तन को तेजी से बढ़ाने वाला है। जबकि, सौर ऊर्जा और पवनचक्की से प्राप्त ऊर्जा के तौर तरीके अब लोकप्रिय हो रहे हैं। एक्सप्लोर कैनवास की निदेषक श्रीमती लीना विग ने जीवन शैली की प्राथमिकताओं पर जोर देते हुये कहा कि हमें हमारे जीवन के अनुसार अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करना चाहिए। इसके अलावा सेमिनार में मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, क्लिमावेन्टा, करियर, पिडिलाइट, ज़ीको, सुप्रीम इंडस्ट्रीज जैसी कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने पर्यावरण का समृद्ध बनाने की दृष्टि से तैयार नवीनतम उत्पादों के बारे में बताया। आयोजन में वास्तुकारों, इंजीनियरों व भवन निर्माण उद्योग में काम कर रहे पीएमसी, एचवीएसी डिजाइनर, ग्रीन बिलिं्डग सलाहकार व विद्यार्थी सम्मिलित हुए।