श्री सुखमनी सेवा सोसायटी के 51वे वार्षिक उत्सव में भक्ति रस का प्रवाह चला नाका गुरुद्वारे में

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लखनऊ।रविवार को श्री सुखमनी सेवा सोसायटी का 51 वां वार्षिक उत्सव श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा नाका हिंडोला में बड़ी श्रृद्धा व सत्कार के साथ मनाया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ श्री सुखमनी साहिब के सामूहिक रूप से किए गए पाठ से किया गया।हजूरी रागी भाई राजेन्द्र सिंह ने आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन किया जिसकी संपूर्णता अमृतसर से आए हजूरी रागी भाई देवेन्द्र सिंह ने अपने मधुर कंठ द्वारा शबद गायन कर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो कर की। डॉ. हरबन सिंह जी अलवर वालों ने कथा वाचन के माध्यम से बताया कि श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ में 24000 हजार अक्षर हैं और एक स्वस्थ मानव शरीर 24 घंटे में 24000 हजार श्वास लेता है।इसमें 21624 सीधे अक्षर हैं, 2373 हलंत अक्षर हैं और तीन अक्षर मात्रा मिलाकर कुल 24000 अक्षर होते हैं। कार्यक्रम में मुख्य ग्रंथी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने श्री सुखमनी साहिब के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में माता गुजरी सत्संग सभा की महिलाओं, सिमरन साधना परिवार के बच्चों और के. के. एन. एस. संगीत अकेडमी के बच्चों ने सुरीले कंठ से गुरुबाणी गायन कर मंत्र मुग्ध कर दिया। 20.09.2022 को हुई धार्मिक परीक्षा में हुए प्रथम गुरदीप कौर 2100/- दिवतीय रसमयी कौर 1500/-तृतीय मनकीरत कौर को 1100/- का पुरस्कार देकर किरपाल सिंह एबटाबाद,हरमिन्दर सिंह मिंदी एवं दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई देविंदर सिंह जी द्वारा सम्मानित किया गया दीवान समाप्ति उपरांत गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया।

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