पहली दिसम्बर तक चलेगा पार्थिव शिवार्चन, योग-ध्यान व हनुमान चालीसा पाठ संग्रह
लखनऊ, ‘सुख ढूंढते-ढूढते हम मनुष्यता तक भुला देते हैं परन्तु सुख की कामना हमें अनेक तरह के बंधनों में ऐसा बांधती है कि हम मुक्त होने की जगह नाना प्रकार की परेशानियों से घिरते चले जाते हैं किन्तु भागवत कथा का श्रवण और मनन इन सारे मोह और बंधन से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।’
ये विचार मौनी मां की स्मृति में भक्तिधाम ट्रस्ट नैनीताल द्वारा बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटूश्याम मंदिर में कल से प्रारम्भ श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन व्यक्त किए। आज आचार्य ने भागवत कथा से कुन्ती, भीष्म, परीक्षित आदि के प्रसंगोें का रुचिकर संगीतमय वृतान्त कथाप्रेमियों के सामने रखे। वृन्दावन धाम के आचार्य पीयूषजी महाराज ने कहा जीवन के दो मार्ग होते हैं- श्रेय और प्रेय। प्रेय से सांसारिक सुख और साधन मिलते हैं और श्रेय से आध्यात्मिक आनन्द की प्राप्ति होती है। भागवत के प्रारम्भ में पुराण के श्रोता शौनक ऋषि ने पुराण वक्ता सूतजी से श्रेय सम्बंधी प्रश्न किया। तब उन्हें यह ज्ञान हुआ कि प्रेय से सांसारिक सुख तो मिलते हैं परन्तु वे स्थायी नहीं होते। सुख में दुःख आने का भय बना रहता है। किन्तु, श्रेय में निरंतर आनन्द की अनुभूति होती है, जो ंस्थायी है। यहां भागवत कथा सप्ताह पहली दिसम्बर तक नित्य दोपहर एक बजे से शाम छह बजे तक चलेगा।
कथा से पूर्व यहां 15 हजार शिवार्चन श्रद्धालुओं ने किए। सह संयोजक जीवनचन्द्र उप्रेती ने यहां ध्यान-योग भी कराया। उन्होंने बताया कि भागवत कथा सप्ताह केवल कथा नहीं मानवीय रिश्तों का एक आयोजन है। यहां कथारसिकों को ध्यान आदि से तनावमुक्त तो किया ही जा रहा है, साथ ही दूर से आने वाले कथाप्रेमियों के जलपान-भोजन प्रसाद आदि का भी प्रबंध ट्रस्ट ने किया है। उन्होंने बताया कि पार्थिव शिवार्चन नित्य सुबह 7.30 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगा। संयोजक गजेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मौनी मां की प्रेरणा से ट्रस्ट की ओर से संसार की सभी भाषाओं में एक करोड़ हनुमान चालीसा पाठ संग्रह के कार्य में भी श्रद्धालु रुचि दिखा रहे हैं। यह पाठ गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होगा। इस अवसर पर यहां सूरेन्द्र नाथ, रामबली, भानु साह, ममता बिष्ट उमा मेहता, रमेश जोशी इत्यादि प्रमुख सहयोगियों के तौर पर उपस्थित रहे।