लखनऊ, ‘आदमी को जीवन में आगे बढ़ने के लिए निरंतर पुरुषार्थ करना चाहिए। भागवत की कथा, श्रीकृष्ण की कथा वास्तव में श्रीकृष्ण के प्रबल पुरुषार्थ की कथा है।
कर्म का उक्त सन्देश देते हुए ये विचार वृन्दावन धाम के आचार्य पीयूषजी महाराज ने मौनी मां की स्मृति में भक्तिधाम ट्रस्ट नैनीताल द्वारा बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन व्यक्त किए। आचार्य पीयूष जी कहा कि भगवान मनुष्य मात्र में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने के लिए कृष्ण रूप में अवतरित हुए।
आज के प्रवचन में आचार्य पीयूष ने भागवत कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगस्त्य ऋषि का श्राप के कारण राजा इन्द्रद्युम्न हाथी बना और ऋषि देवल के श्राप से हूहू नामक गंधर्व ग्राह बना, फिर भी दोनों को भगवान के दर्षन हुए और गति मिली। उन्होंने कहा कि संसर के सरोवन में जीव रूपी गज को कर्म ही मुक्त करता है, यही गज और ग्राह प्रसंग का अर्थ है। हिमालय की तपस्विनी भक्ति मां का उल्लेख करते हुए आचार्य ने कहा कि हमारी मौनी मां कहती थीं कि व्यक्ति की अस्सी प्रतिषत षक्ति मात्र बोलने में नष्ट हो जाती है। अतः मौन साधना भी व्यक्ति के लिए जरूरी है। मौन साधना अवष्य करनी चाहिए।
आज के प्रवचन में राम के चरित्र का उल्लेख करते हुए आचार्य ने कहा कि मर्यादा का निवर्हन करने वाले राम ही हैं जिन्हें सभी मनुष्यों के लिए आदर्श माना गया है।
यहां भागवत कथा पहली दिसम्बर तक नित्य दोपहर एक बजे से शाम छह बजे तक चलेगी। आज कथा के विराम पर श्रीकृष्ण जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया। यहां सिद्धिश्री, स्वरा, अविका टण्डन, यशश्वी पोरवाल, तेजस्वी पोरवाल, यीशु वर्मा, स्तुति जैन, दर्षित जैन, वरण्या, अध्यनशी ने संगीत और नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी। उत्सव में इससे पहले यहां पार्थिव षिवार्चन के बाद योगगुरु जीवन चन्द्र उप्रेती जीवानन्द ने श्रद्धालुओं को ध्यान साधना के कई गुर बताए और सिखाए। भागवत कथा पहली दिसम्बर तक नित्य दोपहर एक बजे से षाम छह बजे तक चलेगी। मुख्य ट्रस्टी व संयोजक गजेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि आज से षाम से यहां कथा के उपरांत छह बजे से भक्ति संगीत के कार्यक्रम भी होंगे। इसके अतिरिक्त गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होन जा रहा मौनी मां की प्रेरणा से यहां ट्रस्ट की ओर से जारी संसार की सभी भाषाओं में एक करोड़ हनुमान चालीसा पाठ संग्रह मे भी लोग रुचि दिखा रहे हैं। इस अवसर पर यहां ललिता तिवारी, रामबली गुप्ता आदि सहयोगियों के तौर पर उपस्थित रहे।