Kisan Andolan: सीने में दर्द के बाद धरने पर बैठे बुजुर्ग किसान की मौत, दस पर पहुंचा आंकड़ा

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कुंडली बॉर्डर पर किसानों के धरने में बैठे पंजाब के एक किसान की मंगलवार को मौत हो गई। मंगलवार दोपहर करीब पौने 1 बजे 74 साल के किसान गुरमीत सिंह के सीने में दर्द उठा और उन्होंने दम तोड़ दिया। गुरमीत पंजाब के मोहाली के गांव कंडाला के रहने वाले थे। अब तक किसान आंदोलन में दस किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें छह टीकरी बॉर्डर और चार कुंडली बॉर्डर पर लगे धरने में शामिल हुए थे। सोमवार को एक किसान की ठंड में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। टीकरी बॉर्डर पर छह आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर अधेड़ उम्र के थे। एक आंदोलनकारी की गाड़ी में जलने से और अन्य की हृदयाघात या अन्य कारणों से मौत हुई है। वहीं कुंडली बार्डर पर चार किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें एक की सड़क हादसे व तीन की हार्ट अटैक से जान जा चुकी है। पंजाब के जिला मोगा के गांव भिंडर कलां का रहने वाला मक्खन खान (42) अपने साथी बलकार व अन्य के साथ तीन दिन पहले कुंडली बॉर्डर पर आया था। उसके साथी गुरिंद्र सिंह ने बताया कि मक्खन खान को वह लंगर में सेवा करने के लिए लेकर आए थे। सोमवार को मक्खन के सीने में दर्द हुआ। जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी।
गुरिंद्र सिंह ने कहा कि ठंड की वजह से किसान हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। सर्दी की वजह से खून जमने के कारण किसानों की जान जा रही है। किसान की मौत की सूचना पर कुंडली थाना पुलिस अस्पताल में पहुंची। मक्खन खान की मौत को किसानों ने शहादत बताया है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी लड़ाई आखिरी दम तक जारी रखेंगे।  कुंडली धरनास्थल पर ठंड से हार्ट अटैक के कारण तीसरे किसान की जान गई है। इससे पहले भी गांव बरोदा के किसान अजय और मोगा के किसान मक्खन खान की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है।   

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