तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये की घूस मांगने व उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने वाराणसी के आईजी विजय सिंह मीना को इसकी कमान सौंपी है। डीआईजी शलभ माथुर व एसपी अशोक कुमार त्रिपाठी को इसका सदस्य बनाया गया है। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट देनी होगी। इस मामले में पाटीदार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है मामले में तत्कालीन एसपी व कुछ अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था। लखनऊ के नीतीश पांडेय की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। त्रिपाठी की मौत के बाद दर्ज मुकदमे में हत्या व साजिश की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। इस मामले में तत्कालीन एसपी की संपत्ति की जांच के लिए विजिलेंस जांच के भी आदेश दिए जा चुके हैं। महोबा के क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एक वीडियो वायरल कर तत्कालीन एसपी पाटीदार पर वसूली का आरोप लगाते हुए जान का खतरा बताया था। अगले ही दिन 8 सितंबर को त्रिपाठी को गोली मार दी गई। घायल अवस्था में उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर रविवार को उनकी मौत हो गई थी।
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