राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान लखनऊ में वर्ष 2003 से निरंतर होता आ रहा सोलहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला 28 सितम्बर से सात अक्टूबर तक चलेगा। दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन का महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम पर आधारित यह आयोजन बच्चो-बड़ों सभी को समर्पित होगा। उद्घाटन मुख्यअतिथि के तौर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने किया| निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में पुस्तक प्रेमियों को हमेशा की तरह न्यूनतम 10 फीसदी की छूट मिलेगी।
यशपाल, भगवती बाबू और अमृतलाल नागरजी की इस साहित्यिक नगरी का बहुप्रतीक्षित वार्षिक उत्सव बन चुके इस सोलहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के बारे में आयोजक फाउण्डेशन के संयोजक मण्डल मनोज सिंह चंदेल, आस्था ढल व आकर्षण जैन ने पत्रकार वार्ता में बताया कि वर्चुअल वर्ल्ड की ओर बढ़ती दुनिया में किताबों का महत्व पहले से बढ़ा ही है। मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र कहलाने वाली किताबें एक लम्बे अरसे से व्यक्ति और समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं। मेले में सूबे का खेलों में नाम रौशन करने वाली एथलीट सुधा सिंह को पहली अक्टूबर को प्रदेष गौरव सम्मान से नवाजा जायेगा। अटलबिहारी बाजपेयी और गीतकार नीरज पर भी विशिष्ट कार्यक्रम होंगे। उर्दू भाषा सिखाने की सप्ताह भर की कार्यषाला के संग अंतिम दिन अरबी की कार्यशाला होगी।
देष के प्रमुख प्रतिष्ठित पुस्तक मेलों में शुमार 16 वर्षों से बराबर आयोजित इस पुस्तक मेले में प्रभात, राजकमल, किताबघर, राजपाल, सामयिक, लोकभारती, मुुंषीराम मनोहरलाल, गौतम बुक्स, इण्डियन सोषल इंस्टीट्यूट, प्रकाशन संस्थान, साहित्य भण्डार इलाहाबाद, उ.प्र.हिन्दी संस्थान, एस चांद एडूटेक, अग्रवाल पब्लिकेशन, रामकृष्ण मिषन, गायत्री ज्ञान मंदिर, स्काॅलर हब, गिडियाॅन्स, तिरुमाला साफ्टवेयर, आदि के स्टाल तो होंगे ही, साथ ही कई नये संस्थान शामिल हांेगे। गंगा जमुनी तहजीब के शहर में चलने वाले इस पुस्तक मेले में इस बार कथक, गजल, संगीत के विशिष्ट कार्यक्रम होंगे। साथ ही प्रदेश भर में पुस्तक मेले के संयोजक स्वर्गीय उमेश ढल की स्मृति में विशिष्ट कवि सम्मेलन व मुशायरा होगा। साथ ही धनुर्विद्या प्रदर्शन और वारियर अकादमी की आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का कार्यक्रम होगा। मेले की सफलता का श्रेय भागीदारों, प्रकाशकों और बड़ी तादाद में आने वाले पुस्तक प्रेमियों को जाता है। यहां दस दिन चलने वाले इस मेले का भागीदार प्रकाशकों व पुस्तक वितरकों कों इंतजार रहता है वहीं मेले में हजारों पाठक और खरीदार कई-कई बार आते हैं। मेले और मेले में आए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसे अतिथियों से प्रेरित होकर लोगों ने घरों में पुस्तकालय स्थापित करने, बुक क्लब बनाने और खरीदकर पुस्तक पढ़ने जैसी गतिविधियां प्रारम्भ कर दीं हैं।
मेले में हमेशा की तरह इस वर्ष भी स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है, जहां के अपनी पुस्तकें प्रदर्शन व बिक्री के लिए रखवा सकेंगे। यहां गांधी बाल एवं युवा मंच पर ड्राइंग, फैंसी ड्रेस, नृत्य-गायन, श्लोक वाचन, वादन, लेखन, क्विज, खादी परिधान आदि की बाल व नवयुवा प्रतियोगिताओं का अलग रंग दिखाई देगा। मुख्य सांस्कृतिक मंच पर पुस्तकों के विमोचन, लेखक से मिलिए, साहित्यिक परिचर्चा कार्यक्रम और कवि सम्मेलन-मुशायरा आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन का आकर्षण होंगे। मेले के समापन समारोह में सात अक्टूबर की शाम चुनिंदा स्टाल धारकों व प्रमुख सहयोगियों को अतिथिगण सम्मानित करेंगे।