12 अगस्त 2023 – सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) और रॉयल राजस्थान फाउंडेशन (आरआरएफ) ने मानसिक सेहत को लेकर भारतीय दर्शकों में जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाया है। इस नेक काम के लिए दोनों ने एक साथ मिलकर, हैशटैगखुलकेबोलो कैम्पेन की शुरूआत की है। इस कैम्पेन फिल्म में सोनाली कुलकर्णी, समाज के हर वर्ग की महिलाओं की जिंदगी और अनुभवों के बारे में चर्चा करती हुई नजर आ रही हैं। वे इस फिल्म में मुख्य रूप से मानसिक सेहत से जुड़ी चुनौतियों और उनसे लड़ने के लिए आवश्यक जागरूकता पर जोर देती दिख रही हैं। इस कैम्पेन के लॉन्च में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों की उपस्थिति देखी गई जिनमें कमलिका गुहा ठाकुरता – एक्टर और आर्टस्केप की संस्थापक, डॉ. आकांक्षा राठी माहेश्वरी – परामर्शदात्री न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट, बॉम्बे हॉस्पिटल; डॉ. प्रियंका महाजन – परामर्शदात्री न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट, मसिना हॉस्पिटल, दीक्षा सेखरी – आर्किटेक्ट (सामुदायिक प्रभाव), रॉयल राजस्थान फाउंडेशन, मनु वाधवा – सीएचआरओ, एसपीएनआई और रंजीत बारठाकुर – चेयरपर्सन, रॉयल राजस्थान फाउंडेशन शामिल हैं। उनके साथ कैम्पेन की एम्बेसडर सोनाली कुलकर्णी, जोकि खुलकर बोलने और सुने जाने को लेकर हुई रोचक पैनल चर्चा का हिस्सा थीं।
भारत में अक्सर महिलाओं को ऐसे अनूठे सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारकों का सामना करना पड़ता है, जोकि उनकी मानसिक सेहत को प्रभावित करते हैं। भारत में महिलाओं की मानसिक सेहत को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है, लिंगभेद। विशेषज्ञों के अनुसार, सेहत के कुल बजट का 1% से भी कम मानसिक सेहत के लिए निर्धारित होने के साथ देश में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की भारी कमी है। इसकी वजह से उपचार में 70-80% का अंतर नजर आ रहा है। समाज में इस समस्या को लेकर जुड़ी भ्रांतियां और मानसिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे तक ना पहुंच पाना भी देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं के लिए चुनौती बनी हुई है।
भारत में महिला क्रिकेट खिलाड़ियों की मानसिक स्वास्थ्य की जरूरतों को समझने के लिए आरआरएफ ने एक अध्ययन कराया, जिसमें यह बात सामने आई कि 71%किशोरवय लड़कियों और 76% महिलाओं को मदद मांगने में परेशानी महसूस होती है, जब उन्हें इसकी जरूरत होती है। हैशटैगखुलकेबोलो, ऐसी महिलाओं को खुलकर बोलने और बिना किसी झिझक के मदद तथा सहयोग मांगने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने का एसपीएनआई और आरआरएफ का एक प्रयास है।
इस कैम्पेन के तहत, संगत एनजीओ ने अपना टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 011-41198666 दिया है, जोकि हर दिन भारतीय समयानुसार सुबह 10 से शाम 6 बजे तक संचालित होता है। यह महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात करने और मार्गदर्शन तथा सहयोग मांगने के लिए दिया गया हेल्पलाइन नंबर है। यह एनजीओ, इस कैम्पेन के दौरान राजस्थान के 15 गांवों में आरआरएफ के सहयोग से ऑफलाइन वर्कशॉप भी चलाएगा। इनके अलावा, एसपीएनआई और आरआरएफ ने कोटो के साथ भी साझेदारी की है, जो केवल महिलाओं के लिए एक सोशल कम्युनिटीज अॅप है – यह प्रभाव को अधिकतम करने के लिए विभिन्न शहरों में महिलाओं के लिए ऑनलाइन समुदाय बनाने और वर्कशॉप की मेजबानी करने के लिए है।