तीन बैंकों के विलय के विरोध में बैंककर्मियों की देशव्यापी हड़ताल

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जितेन्द्र कुमार खन्ना

लखनऊ में इलाहाबाद बैंक पर जोरदार प्रदर्शन एवं सभा

लखनऊ। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के तत्वावधान में आज देश के समस्त बैंक अधिकारीं एवं कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर रहे। हड़ताल में नगर के हजारों बैंककर्मियों ने अपने बैंकों के सम्मुख प्रदर्शन करने के बाद इलाहाबाद बैंक, हजरतगंज शाखा पर एकत्र होकर विशाल सभा एवं प्रदर्शन किया। सभा को सम्बोधित करते हुये एन. सी. बी. ई. के प्रदेश महामंत्री कामरेड के. के. सिंह ने कहा कि ‘‘भारत सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों को बैंकों पर दबाव बना कर अरबों-खरबों के ऋण दिलवा दिये अब ये ऋण इन उद्योगपतियों द्वारा वापस नही किये जा रहे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार न तो इन उद्योगपतियों का विवरण सार्वजनिक कर रही है और न ही उनसे बैंकों का ऋण वापस कराने का कोई गम्भीर प्रयास ही कर रही है। अतः बैंकों का एन.पी.ए. निरन्तर बढ़ता जा रहा है और सरकार आरोप बैंककर्मियों पर लगा रही है।’ आयबाक (ए.आई.बी.ओ.सी.) के महामंत्री काम0 दिलीप चैहान एवं अध्यक्ष काम0 पवन कुमार ने कहा कि-‘‘सरकार बैंकों के एन.पी.ए. का हवाला देकर उनका परस्पर विलय कर रही है। गत वर्ष सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके 5 सहयोगी बैंकों एवं एक भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि भारतीय स्टेट बैंक जो पहले से ही एन.पी.ए. का दबाव झेल रहा था, उस पर इन सहयोगी बैंकों के एन.पी.ए. का बोझ और आ गया जिसके कारण स्टेट बैंक का लाभ बहुत कम हो गया।

ए.आई.बी.ई.ए. के काम0 वी. के. सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने गत सितम्बर माह में देश के 3 अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों बैंक आफ बड़ोदा, विजया बैंक एवं देना बैंक के परस्पर विलय का भी प्रस्ताव रख दिया है। सभा की अध्यक्षता करते हुये यू.एफ.बी.यू. के प्रदेश संयोजक काम0 वाई.के. अरोड़ा

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