यातायात माह के दौरान फर्राटा वाहन दौड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई में ट्रैफिक पुलिस जीरो से हीरो साबित हुई है। एक माह में ट्रैफिक पुलिस ने तेज गति से वाहन दौड़ाने वालों के खिलाफ 1333 ई-चालान किए जबकि बीते वर्ष यातायात माह में ऐसे मामलों में एक भी कार्रवाई नहीं हुई थी।
राजधानी में वाहनों की तेज रफ्तार बड़ी समस्या है जिसकी वजह से सर्वाधिक हादसे होते हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा ने बताया कि इस साल यातायात माह में ओवर स्पीडिंग पर फोकस किया गया था। विभिन्न स्थानों पर लगे कैमरों से तेज गति से दौड़ने वाले वाहनों के ई-चालान किए गए। एक माह में 1333 चालान में औसतन रोज 44 वाहनों के तेज गति की वजह से ई-चालान करके 9,79,500 रुपये जुर्माना वसूला गया। बीते वर्ष यह आंकड़ा शून्य था। सभी कार्रवाई में कुल मिलाकर एक करोड़ 32 लाख रुपये शमन शुल्क वसूला गया।
यातायात माह में हुए ई-चालान
बिना हेलमेट-22478
बिना सीट बेल्ट-4694
नाबालिग द्वारा वाहन चलाना-173
गलत दिशा में वाहन चलाना-3108
तीन सवारी-1770
हूटर, सायरन व प्रेशन हॉर्न-130
बिना डीएल-2407
बिना बीमा-2713
बिना प्रदूषण-1258
मोबाइल पर बातचीत-267
नो पार्किंग-20621
नंबर प्लेट, फैंसी या बिना नंबर -1918
यातायात नियम-संकेतकों के उल्लंघन-5745
यातायात नियमों के उल्लंघन पर अन्य चालान-2951
क्रेन द्वारा उठाए गए वाहनों की संख्या-2176
इस बार 12 गुना तक अधिक हुई कार्रवाई
यातायात माह में नियमों का उल्लंघन करने में दोगुना से 12 गुना अधिक तक की कार्रवाई हुई। शराब पीकर वाहन चलाने के इस वर्ष दो मामले आए जो बीते वर्ष तीन थे। बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के खिलाफ आठ गुना अधिक कार्रवाई हुई तो बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाने वालों के खिलाफ चार गुना अधिक कार्रवाई हुई। इस साल साढ़े चार हजार से अधिक चालान व 2,58,000 जुर्माना वसूला गया था जबकि बीते वर्ष यह आंकड़ा 1028 चालान और 3,43,000 रुपये था। वाहन चलाने वाले नाबालिगों के खिलाफ 19 चालान किए गए जो बीते वर्ष एक भी नहीं था। गलत दिशा में वाहन चलाने में इस साल 3108 चालान व करीब 38 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया जो बीते वर्ष 248 चालान और 94,000 था जो 12 गुना से अधिक है। दोपहिया वाहन में तीन सवारी चलने के मामले में 1770 चालान और 2,67,900 रुपये जुर्माना वसूला गया जो बीते वर्ष 333 चालान व 43,300 रुपये जुर्माना के मुकाबले पांच गुना अधिक है। हूटर-सायरन में इस वर्ष 130 चालान हैं जबकि बीते वर्ष 27 थे जो करीब पांच गुना ज्यादा हैं। बीमा और प्रदूषण के मामले में भी इस बार ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई।