यूपी बोर्ड परीक्षा के केंद्रों का निर्धारण छात्र के स्कूल से न्यूनतम पांच किमी व अधिकतम 10 किमी के मानक पर होना है। इस दूरी के बीच परीक्षा केंद्र अलाॅट करने के लिए स्कूलों की जियो टैगिंग व मैपिंग अनिवार्य की गई है। इसमें जो स्कूल लापरवाही करेगा उसके छात्रों का परीक्षा केंद्र निर्धारण अटक सकता है।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। स्कूलों को पांच दिसंबर तक सभी सूचनाएं माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करनी हैं। इसमें स्कूल की जियो टैगिंग व मैपिंग एक अहम प्रक्रिया है। यह सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है।
परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति के अनुसार परीक्षा केंद्र की दूरी छात्रों के पंजीकृत विद्यालय से न्यूनतम पांच और अधिकतम 10 किलोमीटर होनी चाहिए। दूरी सटीक तभी नापी जाएगी, जब सभी स्कूलों की मैपिंग की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी स्कूलों को सूचनाएं अपलोड करने के साथ अलग से जियो टैगिंग व मैपिंग के भी निर्देश दिए हैं।
स्कूल परिसर में ही करना है टैगिंग
स्कूलों को जियो टैगिंग अपने परिसर से ही करना है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर स्थित मोबाइल एप को डाउनलोड कर जियो टैगिंग व मैपिंग करना है। डीआईओएस ने बताया कि प्रधानाचार्य को विद्यालय की लॉग इन आईडी से अपने स्कूल परिसर से जियो टैगिंग करनी होगी। जो लॉगीट्यूड और लैटिट्यूड दिखाएगा उसे अंकित करना होगा। इसी के आधार पर एक दूसरे के स्कूल के बीच की दूरी पता चलेगी। जो विद्यालय टैगिंग नहीं करेगा उनके छात्रों का केंद्र निर्धारित नहीं किया जाएगा।
एक कक्ष निरीक्षक होने पर नहीं होगी कार्रवाई
बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षा कक्ष में दो-दो कक्ष निरीक्षक होना अनिवार्य है। लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए कुछ रियायत दी गयी है। यदि एक कक्ष निरीक्षक हुआ तो कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोरोना के चलते शिक्षकों की संख्या घट भी सकती है।