सारांश
यूपी में पिछले 24 घंटे में किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए कोरोना संक्रमित की पुष्टि नहीं हुई। वहीं, प्रदेश के 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 20 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए।
विवरण
यूपी में पिछले 24 घंटे में किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए कोरोना संक्रमित की पुष्टि नहीं हुई। वहीं, प्रदेश के 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 20 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वहीं, वर्तमान में प्रदेश में सक्रिय कोविड केस की संख्या 712 है। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है। शनिवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की और दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समन्वित, समेकित और नियोजित प्रयासों से प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहे हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी तक आ गई है। अब तक 6 करोड़ 55 लाख 02 हजार 631 कोविड सैंपल की जांच की जा चुकी है।
जनपद अलीगढ़, अमरोहा, एटा, हाथरस, कासगंज, कौशाम्बी, महोबा, मुरादाबाद और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत 24 घंटे में 2 लाख 51 हजार 265 कोविड सैंपल की जांच की गई और 32 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 48 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। इस अवधि में पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी रही। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है। 452 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अब तक 16 लाख 84 हजार 973 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
नवीन शिक्षण सत्र के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए
बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में जिन छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाना है, इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए। कोरोना की स्थिति को देखते हुए नवीन सत्र को प्रारंभ करने के संबंध में कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारू रखी जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। यदि दुर्व्यवस्थाओं के कारण गोवंश की मृत्यु हुई तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।
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