UP में अब बिजली भी फसल के साथ पैदा करेंगे किसान: श्रीकांत शर्मा

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हमारे अन्नदाता किसान अब फसलों के साथ बिजली भी पैदा करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में पूर्वांचल पर विशेष जोर देते हुए पूरे प्रदेश में इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. अतिरिक्त ऊर्जा या नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग कर किसान निष्प्रयोज्य या बंजर भूमि पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाएंगे और उत्पादित बिजली का अपने उपभोग के बाद शेष को उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन को बेच देंगे. इससे उनकी आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी हासिल होगा.

यह बातें प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहीं. शर्मा गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में नियोजन विभाग और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पूर्वांचल के सतत विकास, मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के दूसरे दिन विनिर्माण क्षेत्र के पंचम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों द्वारा उत्पादित बिजली खरीदने के लिए बनने वाले उपकेंद्रों में से 4 पूर्वांचल में लगाए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश को मिले 8000 सोलर सिंचाई पंप में से 2882 पूर्वांचल को दिये गए हैं.
ऊर्जा मंत्री ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सबके सहयोग से उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश के विकास में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है. राज्य के समग्र विकास के लिए पूर्वांचल का तीव्र गति से विकास बहुत जरूरी है क्योंकि पूर्वांचल के विकास के बगैर उत्तर प्रदेश का विकास अधूरा है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सतत विकास के लिए निर्बाध बिजली की बड़ी आवश्यकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं. नवीकरणीय स्रोतों से अभी ऊर्जा क्षेत्र में 6 फीसदी का योगदान है जिसे मुख्यमंत्री ने 2021 तक 20 फीसदी करने को लक्षित किया है.
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सबको निर्बाध बिजली सीएम योगी का लक्ष्य है. उनकी मंशा सूर्यास्त से सूर्योदय तक किसी भी दशा में बिजली संकट न आने देते हुए गांवों को भी 24 घण्टे बिजली आपूर्ति की है. मुख्यमंत्री के दिशानिर्देश के अनुरूप ऊर्जा विभाग ने कोरोना के संकट काल में भी बिजली संकट नहीं आने दिया. तीन साल पहले तके गांव में ट्रांसफार्मर फुंक जाने पर ग्रामीणों को चंदा जुटाकर बनवाना पड़ता था, आज सूचना मिलते ही हमारी टीम एक्टिव होकर तय समय में उसे ठीक करा देती है.

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