कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा बढ़ा गया है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने नए वर्ष पर मनाए जाने वाले जश्न पर रोक तो नहीं लगाई, लेकिन नियम-निर्देशों का सावधानी भरा पहरा जरूर लगा दिया है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने प्रदेश भर के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके मुताबिक नववर्ष पर किसी भी कार्यक्रम के लिए जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त से अनुमति लेनी होगी।
नववर्ष के उपलक्ष्य में होने वाले सामूहिक कार्यक्रमों में लोगों का अधिक संख्या में एकत्रित होना स्वाभाविक है, जिससे कोरोना संक्रमण के प्रसार की आशंका रहेगी। कार्यक्रमों में विशेष सजगता और सावधानी बरतते हुए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना होगा। कोई भी आयोजन संबंधित जिलाधिकारी और कमिश्नरेट जिलों में पुलिस कमिश्नर को पहले से सूचना देकर ही किए जा सकेंगे।
आयोजकों पर प्रोटोकॉल पालन कराने की जिम्मेदारी : अधिकारियों से कहा गया है कि अनुमति के समय ही आयोजक का नाम, पता, मोबाइल नंबर लेकर सूचीबद्ध कर लिया जाए। उनसे कार्यक्रम में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या भी पता कर लें। इसके साथ ही आयोजकों को कोविड-19 से बचाव संबंधी दिशा-निर्देश भली-भांति बता दिए जाएं। यह भी स्पष्ट कर देना होगा कि कार्यक्रम के दौरान कोविड प्रोटोकॉल और गाइडलाइन के पालन का उत्तरदायित्व उन्हीं का होगा।
आयोजनों में निर्धारित है संख्या : किसी भी बंद स्थान, हॉल और कमरे में कार्यक्रम होने पर वहां की निर्धारित क्षमता का 50 फीसद, लेकिन एक समय में अधिकतम सौ व्यक्तियों तक, जबकि खुले स्थान और मैदान में कार्यक्रम होने पर क्षेत्रफल के 40 फीसद से कम क्षमता तक ही लोगों को शामिल होने की अनुमति रहेगी। अनुमति में फेस मास्क, शारीरिक दूरी, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता रहेगी।
घर पर आयोजन के लिए करें प्रेरित : निर्देशों में कहा गया है कि जिला स्तर पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम, लाउड स्पीकर आदि से लगातार प्रचार-प्रसार कर संक्रमण के प्रति जनता को जागरूक किया जाए। प्रदेशवासियों को नववर्ष का पर्व सार्वजनिक स्थानों पर न मनाकर यथासंभव अपने-अपने घरों में ही मनाने के लिए प्रेरित करें। वहीं, कार्यक्रम स्थलों के आसपास समुचित पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था रखनी होगी। सार्वजनिक स्थानों और कार्यक्रम स्थलों पर जरूरत के अनुसार ड्रोन कैमरों से भी सतत निगरानी की जाए।
सोशल मीडिया पर चौकस नजर : भड़काऊ और विद्वेष फैलाने वाली भ्रामक अफवाहों की तत्परता से रोकथाम पर जोर दिया गया है। इसके लिए जिला स्तर पर सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा है कि एलआइयू को सक्रिय कर दें। शराब की दुकानों और बार आदि के आसपास पर्याप्त पुलिस की व्यवस्था करते हुए अराजक, असामाजिक और आपराधिक तत्वों पर की निगरानी रखी जाए। होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, मुख्य मार्ग, बाजार और चौराहों पर पुलिस तैनात रहेगी। इसके अलावा रात में दोपहिया, चारपहिया वाहन चालकों की चेकिंग (विशेष कर उनके शराब पीये होने की जांच) कराई जाएगी