उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत मामले में यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़िता के परिवार और गवाहों के संरक्षण के प्रयासों पर जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार को कहा था कि वो गवाहों की सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर डिटेल रिपोर्ट फाइल करे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अपने हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की गई है। साथ ही अदालत से हाथरस कांड की जांच पर 15 दिनों की स्थिति रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के लिए सीबीआई को निर्देश देने के लिए कहा है। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यूपी डीजीपी द्वारा दायर किया जा सकता है।
राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर ताजा हलफनामा में कहा गया है कि पीड़ित परिवार और गवाहों को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है, इसके लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही गांव की सीमा के साथ जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि पीड़िता (19) के हाथरस जिले के चंदपा में रहने वाले परिजनों को पयार्प्त सुरक्षा दी जा रही है। इन परिजनों में पीड़ता के माता-पिता के अलावा दो भाई, एक भाभी और दादी शामिल हैं।
राज्य के गृह विभाग के विशेष सचिव राजेन्द्र प्रताप सिंह की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया है कि पीड़िता के गांव के मुहाने पर आठ सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये हैं, जिनमें एक इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल और दो महिला कांस्टेबल शामिल हैं। इसी तरह का फॉमेर्शन पीड़िता के घर के पास किया गया है, जबकि पीड़िता के घर के प्रवेश द्वार पर चौबीसों घंटे और सातों दिन दो सबइंस्पेक्टर को ड्यूटी पर लगाया गया है। घर के बाहर 15 सुरक्षाकर्मी कैम्प लगाये हुए हैं।
हलफनामा में कहा गया है कि गवाहों के घर के बाहर पर दो पालियों में छह-छह सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। पीड़िता के घर के आसपास आठ सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। आसपास के इलाकों को प्रकाशमान करने के लिए 10 से 12 लाइटें लगायी गईं हैं। ये लाइटें पहले से लगी लाइटों के अलावा हैं। शीर्ष अदालत हाथरस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्टूबर यानी गुरुवार को करेगी।
गौरतलब है कि गत सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार से मुख्यतया तीन बातें पूछी थीं, पहला- पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं? क्या पीड़ित परिवार के पास पैरवी के लिए कोई वकील है? और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमे की क्या स्थिति है? हलफनामा में कहा गया है कि पीड़िता के परिजनों की ओर से सीमा कुशवाहा केस लड़ रही हैं और उन्हें सरकारी वकील भी मुहैया कराया जायेगा। साथ ही, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में अगली सुनवाई दो नवम्बर तक टाल दी है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हाथरस केस की CBI जांच चाहती है योगी सरकार
पिछली सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से हाथरस मामले में सीबीआई जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह निष्पक्ष जांच में निहित स्वार्थों द्वारा उत्पन्न की जा रही बाधाओं से बचने के लिए सीबीआई जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध कर रही है।