आगरा में जेल जा चुके आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि कोख के सौदागरों के गैंग के एजेंट दिल्ली, हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार में रह रहे हैं। ये लोग फोन से एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं। आगरा में भी एक-दो एजेंट होने की जानकारी तो मिली है। हालांकि इनके नाम और पते अब तक पुलिस को नहीं मिले हैं।
एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गैंग के एजेंट फोन से एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं। नेपाल में बैठी सरगना अस्मिता कोख खरीदने के लिए महिलाओं की तलाश करने को कहती है। इस पर एजेंट ऐसी महिलाओं को ढूंढते हैं। महिलाओं को एक बार में सारी रकम नहीं दी जाती है। उन्हें बताया जाता है कि इलाज का सारा खर्च उठाया जाएगा।
एजेंट के माध्यम से पैसा देने का काम किया जाता है। चिकित्सक को दिखाने वही लेकर जाएंगे। बस उन्हें चिकित्सक की दवा नियमित रूप से लेनी होगी। महिलाओं की जांच कराने के बाद सरगना अस्मिता उन्हें नेपाल में बुला लेती थी। यहां पर सेरोगेसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिला को फिर से वापस भेज दिया जाता है। बाद में प्रसव कराने के लिए बुलाया जाता है।
एजेंट पास कराते हैं बार्डर
महिलाओं को किराये पर गाड़ी करके नेपाल तक ले जाया जाता है। इस दौरान पहली बार बार्डर पर पुलिस के रोकने पर कहा जाता है कि इलाज के लिए ले जा रहे हैं। बाद में आठ महीने की गर्भवती महिला को ले जाने पर पुलिस नहीं रोकती है। तब यह कहा जाता है कि परेशानी में लेकर जा रहे हैं। पुलिस से बात करने का काम एजेंट ही करते हैं।
ऐसे चलता है नेटवर्क
– गैंग सरगना अस्मिता के पास दो तरह के एजेंट हैं। एक उन दंपती को लाते हैं जिन्हें बच्चे की जरूरत हो। दूसरे उन महिलाओं को लाते हैं जिन्हें पैसे की जरूरत हो।
– दिल्ली, यूपी, हरियाणा के जरूरतमंद दंपती एजेंटों के माध्यम से अस्मिता से मिलने नेपाल जाती हैं। वह सरोगेसी की रकम तय कर लेती है।
– रकम मिलने पर दूसरे एजेंटों को उन महिलाओं की तलाश में लगाया जाता है जो पैसा लेकर किराए पर कोख देने के लिए तैयार हों।
– आगरा सहित चार राज्यों में फैले एजेंट महिलाओं को नेपाल तक ले जाते हैं। पहले सरोगेसी के लिए। इसके बाद प्रसव केलिए।