उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह ने बताया फर्जी मुकदमें के खिलाफ कार्यकर्ताओं में और जनता में काफी रोष

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह ने बताया फर्जी मुकदमें के खिलाफ कार्यकर्ताओं में और जनता में काफी रोष
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह ने बताया फर्जी मुकदमें के खिलाफ कार्यकर्ताओं में और जनता में काफी रोष

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग मीडिया के संयोजक अशोक सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मण्डल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा मोना (विधायक) तथा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठतम नेता एवं कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य एवं पूर्व राज्य सभा सदस्य श्री प्रमोद तिवारी जी सहित प्रतापगढ़ जनपद के तमाम वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के खिलाफ पक्षपाती और निरंकुश तरीके से सरकार द्वारा दायर कराये गये फर्जी मुकदमें के खिलाफ कार्यकर्ताओं में और जनता में काफी रोष है। इसी क्रम में आज संगठन के माध्यम से प्रदेश के समस्त जनपद और महानगर ईकाईयों अपना विरोध व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया है। जिसके माध्यम से घटना की न्यायिक जॉच की मांग की गयी है।

श्री सिंह ने कहा कि 25 सितम्बर 2021 को विकास खण्ड सांगीपुर प्रतापगढ़ की घटना पूरी तरीके से भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्री संगमलाल गुप्ता द्वारा रचा गया षड़यंत्र है। जिसमें उनका उद्देश्य हमारे नेताओं को अपमानित करना तथा क्षेत्र में भय और अराजकता की स्थिति उत्पन्न करना, झूठी सदभावना प्राप्त करना रहा। उन्होंनें कहा कि प्रतापगढ़ का प्रशासन पूरी तरीके से पक्षपाती रवैया अखतियार किये हुए है तथा सरकार कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी मुकदमा दायर कर उत्पीड़ित करने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंनें आराजकता फैलायी, उनकों पूरी तरीके से महिमामण्डन कर रही है, क्योंकि घटना के दिन शाम को प्रतापगढ़ के सांसद ने अपने सैकड़ों साथियों के साथ लखनऊ- वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग जो कि अत्याधिक व्यस्ततम मार्गो में से है, को ढाई घण्टे तक अवरूद्ध किया गया लेकिन घटना के इतने दिन बाद तक स्थानीय प्रशासन द्वारा एक भी मुकदमा सांसद और उनके साथियों के विरूद्ध अब तक दर्ज नहीं किया गया।

श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री प्रमोद तिवारी जी जिसका 42 साल का राजनैतिक और संसदीय बेदाग इतिहास रहा है, जिनके ऊपर आज तक एक भी मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ, ऐसे नेता के ऊपर 7 क्रिमिनल लॉ का लगाया जाना राजनीतिक शुचिता और हमारी संसदीय गरिमा का भी अपमान है। उत्तर प्रदेश की सरकार अहंकार में प्रशासनिक मशीनरी के दुरूपयोग से न केवल प्रदेश को विपक्ष की आवाज को खत्म कर देना चाहता है बल्कि संसदीय व्यवस्था और मर्यादा को तार-तार कर रहा है।

मीडिया संयोजक श्री सिंह ने कहा कि हमारे समस्त जिला और महानगर ईकाइयों ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक मशीनरी के पक्षपाती रवैये और विपक्ष की आवाज को दबाने की सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को रोका जाए एवं घटना की न्यायिक जॉच करायी जाए। जिससे समाज को उक्त घटना के बारे में सच का पता लग सके और निर्दोष जनता जिनको फर्जी मुकदमों के माध्यम से प्रताड़ित और परेशान करने की सरकारी कोशिश हो रही है उससे निजात मिल सके।

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