उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के अंदर एक साथ 34,379 कोरोना मरीज मिले हैं जबकि एक दिन में 195 संक्रमित मरीजों ने दम तोड़ दिया। मौजूदा समय में प्रदेश में 2,59,810 के सक्रिय केस हैं। लखनऊ समेत पूरे राज्य को बड़ी राहत मिली है। इसके तहत अब कोरोना मरीजों को भर्ती होने के लिए CMO के रेफरल लेटर की जरूरत नहीं, अब लोग अस्पतालों में सीधे भर्ती हो सकेंगे।
लखनऊ के हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि बीते दो दिनों से एक से दो घंटे में प्राइवेट हॉस्पिटल से ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना आ रही है। लखनऊ में 5239 नए केस मिले और सुखद बात यह है कि, 6207 मरीज ठीक हुए हैं। 19 मरीजों की मौत हुई अब 54,967 मरीज़ सक्रिय हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सभी पुलिस कमिश्नर, डीएम और अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोविड-19 को लेकर समीक्षा कर रहे है।
डायरेक्ट भर्ती होने वालों मरीजों को दो श्रेणी में एक लेवल से 3 लेवल में देना होगा फ़ीस
प्रभारी जिला अधिकारी डॉ रोशन जैकब ने संशोधन लेटर जारी करते हुए लिखा है कि लेवल-1 संक्रमित रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड ऑक्सीजन सुधार सहित बेड 10,000 प्रति दिवस पीपी की 12,000 मिलाकर ए श्रेणी में देना होगा। इसके अलावा इस श्रेणी के महानगर लखनऊ में नॉन NEBH हॉस्पिटल में 8000 प्रति दिवस और 1200 रुपए पीपी कीट के शुल्क देने होंगे।
इसके अतिरिक्त लेवल-2 संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन सुविधा सहित ₹15000 प्रति दिवस 2000 किट अलग से दे होगा। नॉन NEBH में 13000 के साथ ए श्रेणी में 2000 रुपए किट की के साथ देना होगा। लेवल 3 संक्रमित मरीजों के लिए ₹18000 प्रति दिवस के अलावा 2000 पीपीकीट और नॉन NEBH में 15,000 इसके 2000 अतिरिक्त पीपी किट के देने होंगे।
सीएम योगी ने प्रदेश के सभी अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रदेश के विभिन्न अफ़सरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर कोविड-19 बंधित दवाओं की कालाबाजारी रोकने को निर्देश दिए गए हैं। सीएम योगी के साथ सभी डीएम, कमिश्नर, एडीजी, आईजी, कप्तान, सीएमओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान प्रदेश के सभी सीएम और डीएम को ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 स्टिंग करने के निर्देश दिए हैं। ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने और उसकी कालाबाजारी रोकने को भी निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कोरोना हालात पर अफसरों के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ चर्चा करते हुए विभिन्न दिशा निर्देश दिए हैं। बीते 24 घंटे में प्रयागराज में 2013, कानपुर नगर में 1519, वाराणसी में 1813, गाजियाबाद में 1023, गोरखपुर में 1136 नए मामले सामने आए हैं।
ऑक्सीजन गैस न मिलने से शहर में मरीज परेशान
उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 2,59,810 कोरोनावायरस मरीज सक्रिय हैं। वही केवल लखनऊ में 54,967 मरीज मौजूदा समय में सक्रिय हैं। लखनऊ में हॉस्पिटलों में भर्ती न होने की वजह से मरीजों का घरों में इलाज किया जा रहा है। गंभीर मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन की जरूरत की पूर्ति के लिए लोग गोदाम में लाइन लगाए खड़े हैं, लेकिन उन्हें सिलेंडर नहीं दिया जा रहा है। आलम यह है कि बीते 2 दिनों से राजधानी लखनऊ में प्राइवेट हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की किल्लत की शिकायतें लगातार आ रही हैं।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने पत्र लिखकर बताया कि 2 घंटे का ही हमारे पास ऑक्सीजन सिलेंडर बचा हुआ है। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में 120 मरीज का इलाज चल रहा है। इस सूचना के बाद से प्रशासन में हड़कंप मचा और प्रशासन का दावा है कि इंतजार यूनिवर्सिटी में ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्ध करा दी गई है।
आलमबाग के दुर्गापुरी इलाके में एम्बुलेंस न आने पर परिजन स्कूल वैन में मरीज को भर्ती कराने जाते हुए का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। वहीं कोविड टेस्ट कराने के लिए पीजीआई पहुंचे लोगों ने काउंटर पर फॉर्म खिंचते हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं निजी हॉस्पिटल के बाहर मरीज एंबुलेंस के अंदर तड़पता रहा और परिजन हॉस्पिटल के बाहर बिलखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद भी गैस गोदाम में डॉक्टर का रिफरेंस लेटर और मरीजों की केस हिस्ट्री के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेने जा रहे व्यक्तियों को भी गोदाम से सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है। शहर में हर तरफ से ऑक्सीजन सिलेंडर न मिलने को लेकर लोग परेशान रहे।