विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कोरोना काल में मध्य प्रदेश में विधानसभा का सत्र बुलाया गया था, लेकिन वह विश्वास मत हासिल करने के लिए था. जबकि उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का सत्र विधायी कार्यों के लिए आहूत किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 20 अगस्त से शुरू होकर तीन दिन तक चलेगा. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश कोरोना महामारी के बीच विधानसभा का सत्र कराने वाला देश का पहला राज्य बनेगा. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र कई मायनों में अलग होगा. इस दौरान सदन में विधायकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा. इसके लिए जरूरी बंदोबस्त किए जा रहे हैं.
विधानसभा अध्यक्ष बताया कि सदन में सदस्यों एक सीट छोड़कर बैठना होगा. कुछ सदस्यों को लॉबी में बैठाया जाएगा, जबकि दर्शक दीर्घा में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सदस्यों के बैठने का इंतजाम किया जाएगा. हृदय दीक्षित ने कहा कि कोरोना काल में मध्य प्रदेश में विधानसभा का सत्र बुलाया गया था, लेकिन वह विश्वास मत हासिल करने के लिए था. जबकि उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का सत्र विधायी कार्यों के लिए आहूत किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि सदन में दाखिल होने से पहले हर विधायक की थर्मल स्क्रीनिंग होगी. सभी सदस्यों को मास्क पहनकर ही विधानसभा में आना होगा. अगर कोई विधायक बिना मास्क पहने आता है तो उसे विधानसभा सचिवालय की ओर मास्क उपहार में दिया जाएगा. विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपील की है. उन्होंने कहा कि ऐसी मुश्किल घड़ी में शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान सभी पार्टियां परस्पर सहयोग और समन्वय की भावना से काम करेंगी, मुझे इसकी उम्मीद है.
लखनऊ से कुंदन सिंह की रिपोर्ट