लखनऊ 25 जून। सरकार द्वारा जारी किए 250 अमान्य विद्यालयों को बीच सत्र में बन्द किए जाने के विरोध में आज सुबह वृन्दावन कालोनी में एसोसियेशन आफ प्राइवेट स्कूल की आपात बैठक की गई। जिसमें सरकार के इस तुगलकी आदेश का जमकर विरोध किया गया। मीटिंग की अध्यक्षता एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष अतुल श्रीवास्तव ने की जब कि पदाधिकारियों के रूप में मंसूर खान, राकेश कुमार, बिजेन्द्र शर्मा, अरशदुल्ला एवं 30 विद्यालय प्रबन्धकों ने हिस्सा लिया।
एसोसियेशन का कहना है कि सरकार अपनी गलतियों को ढकने के लिए एक सोची समझी नीति के तहत इन विद्यालयों को बन्द करा रही है जिसके चलते उन 250 विद्यालयों में पढने वाले हजारों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है जोकि उन विद्यालयों की कापी, किताबें एवं डेªस खरीदने के बाद किसी अन्य विद्यालय में जाने को मजबूर होंगे, और अब उसे नए विद्यालय की कापी, किताब एवं डेªस पर पैसे खर्च करेगा। साथ ही साथ विद्यालय प्रबन्धकों के साथ ही हजारों शिक्षक/शिक्षिकायें भी बेरोजगार हो जायेंगे। जहां एक तरफ सरकार अपने परिषदीय विद्यालयों में डेªस, कापी, किताब, मिडडे मील और वजीफा देने के बावजूद भी छात्रों की संख्या नहीं बढा पा रही है वहीं दूसरी ओर मेहनत और अच्छी शिक्षा के बल पर साधन विहीन निजी विद्यालयों ने अभिभावकों का दिल जीता है। ये बात सरकार को कतई बर्दाश्त नहीं है कि लोग निःशुल्क सरकारी विद्यालय को छोड़कर शुल्क देकर इन विद्यालयों में जाए इसलिये बीच सत्र में इस तरह का आदेश देकर सरकार इन बच्चों को अपने सरकारी विद्यालयों में आने पर विवश कर सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या में वृद्धि करने की नकारात्मक कोशिश कर रही है और अपने आंकड़ों को सम्मानजनक करने का यह एक गलत तरीका बनाया है।
विद्यालय एसोसियेशन सरकार के इस नापाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी और उन विद्यालयों का सहयोग करेगी। जिनके साधनों के अभाव में मान्यता रोक दी गयी है, साथ ही साथ जिन विद्यालयों की मान्यता लंबित है उनको इस बंदी से बाहर रखने का समर्थन करती है। एसोसियेशन का कहना है कि पहले डी0एम0 व शिक्षा मंत्री से मुलाकात करके इस विवाद को हल करने की कोशिश की जाएगी अगर बात न बनी तो कोर्ट की शरण में जाने के साथ ही साथ सड़कों पर भी विरोध प्रदर्शन करने का विचार किया जायेगा।