इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में मारे गए अभियुक्त विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचना के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने ऋचा दुबे के अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र को सुनकर दिया है।
एडवोकेट प्रभाशंकर मिश्र का कहना था कि याची के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी और कूच रचना करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। उस पर दूसरे का मोबाइल फोन आपराधिक कार्य के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। यदि ऐसा हुआ है तो जिस व्यक्ति का मोबाइल इस्तेमाल हुआ है तो मुकदमा मोबाइल वाले को दर्ज कराने का अधिकार है। इसमें धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं बनता है और न ही पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है।
कोर्ट ने इस मामले में अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। प्रभाशंकर मिश्र ने बताया कि इस मामले में ऋचा दुबे की अग्रिम जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हो चुकी है।
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