विराट हिन्दू उत्सव के तहत अंचल में हुए नवसंवत और नवरात्र पर भव्य कार्यक्रम सूर्य को अध्र्य देकर हुआ नव संवत्सर का शुभारंभ
घर-घर में घटस्थापना के साथ हुआ नवरात्रि का शुभारंभ
गुना। विक्रम संवत पूर्णत: वैज्ञानिक गणना पर आधारित है। भारतीय काल पंचाग समय की सूक्ष्मतम प्रमाणिक इकाई की गणना का प्रतीक है। विराट हिन्दू उत्सव समिति के संस्थापक कैलाश मंथन ने नव संवत्सर पर चआयोजित बौद्धिक कार्यक्रम में कहा भारतीय काल गणना से ही विश्व के सभी राष्ट्रों के कैलेण्डर एवं समय की इकाई निर्धारित होती है। विश्व के सभी कैलेण्डर परिवर्तनशील हैं, लेकिन भारतीय विक्रम संवत की काल गणना में आज तक एक भी पल का अंतर नहीं आया है। सूर्योंदय से अस्त तक प्राकृतिक बदलाव, सूर्य-चंद्रग्रहण, नक्षत्रों की गतियों का विलक्षण समय निर्धारण इस पंचाग से होता है। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया महाराजा विक्रमादित्य ने 2079 वर्ष पहले अवंतिका नगरी उज्जैन में प्रजा का ऋण माफ करते हुए अपने महान ज्योतिषियों से वैज्ञानिक काल निर्धारण करवाया। लाखों वर्ष पूर्व सृष्टि के निर्माण के बाद समय का फेरबदल होता रहा। त्रेता में राम संवत, द्वापर युग में युधिष्ठर संवत, कृष्ण संवत के बाद कलियुग में विक्रम संवत ही सर्वाधिक प्रमाणिक माना गया है।
घर-घर में घटस्थापना के साथ हुआ नवरात्रि का शुभारंभ
वहीं अंचल में चैत्रीय नवरात्र का शुभारंभ भी शनिवार को हुआ। इस दौरान शनिवार को सुबह शुभ मुर्हुत में कलश स्थापना हुई।अन्तर्राष्ट्रीय नि:शुल्क गीता प्रचार मिशन उत्तर प्रदेश की संयोजक रश्मि मंथन के मुताबिक हिउस के तहत फैजुल्ला गंज रश्मि हाउस में कलश स्थापना के साथ परिवारों में जप, पाठ आदि किए गए। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि नवसंवत्सर के दिन गुडी पड़वा ही सृष्टि की उत्पत्ति का दिवस माना जाता है। इस दिन भगवान भास्कर की आराधना का विशेष महत्व है।
प्राचीन स्थलों पर हुए विशेष कार्यक्रम
हिउस के तहत अंचल में क अनेकों प्रमुख धार्मिक स्थलों पर प्रात: कालीन बेला में सूर्याध्र्य देकर नवसंवत्सर महोत्सव मनायाा गया। वहीं अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहर में महिला मंडलों द्वारा सुंदरकांड, कीर्तन, सत्संग आदि के कार्यक्रम हुए। लखनऊा शहरी क्षेत्रों एवं ग्रामीण इलाकों में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
श्रीमद् भगवद् गीता वितरण का 31 वां दौर आरंभ
हिउस प्रमुख कैलाश मंथन एवं मीडिया प्रभारी रश्मि मंथन लखनऊ ने बताया कि नवसंवत से नि:शुल्क गीता जी का वितरण का दौर एवं चिंतन मीडिया सेंटर का शुभारंभ पूजा अर्चन के साथ हुआ। श्री मंथन ने वि.स. 2079 से श्रीमद् भगवद् गीता प्रचार अभियान के तहत नि:शुल्क गीता वितरण का 31 वां दौर शुरू किया। अब तक 30 हजार से अधिक गीताजी की प्रतियां चिंतन मंच संयोजक कैलाश मंथन द्वारा वितरित की जा चुकी हैं। इस अवसर श्री मंथन ने कहा कि नवसंवत्सर 2079 सभी के जीवन में खुशियां लाए। सृष्टि के शुभारंभ के प्रथम दिवस को ही संवत्सर दिवस कहा जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सत्ययुग का प्रारंभ हुआ था। इसी दिन प्रलयकाल में मत्स्यावतार का प्रार्दुभाव हुआ था। विक्रम संवत के महीनों के नाम आकाशीय नत्रक्षों के उदय अस्त से संबंध रखते हैं यही वार, तिथि तथा दिनांक के संबंध में भी है। वे भी सूर्य, चंद्र की गति पर आश्रित हैं। सारांश यह है कि विक्रम संवत अपने अंग, उपांगों सहित पूर्णत: वैज्ञानिक सत्य पर स्थित है। चैत्र शुल्क प्रतिपदा से नवमी तक नौ दिनों को ही बासंती नवरात्र कहते हैं। वहीं नवरात्रि के मौके पर घरों में घट स्थापना की गई एवं माता की ज्योति जलाई गई।
रामनवमीं पर 108 राम मंदिरों में होंगे भव्य कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय गीता प्रचार मिशन हिउस के तहत 10 अप्रैल को राम नवमीं पर अंचल के 108 राम मंदिरों में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भगवान राम के जन्मोत्सव पर दोपहर 12 बजे महा आरती एवं संकीर्तन, बौद्धिक कार्यक्रम रामकथा, वार्ता प्रसंग आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन एवंनारी शक्ति चिन्तन मंच यूपी की प्रभारी रश्मि मंथन ने समस्त हिन्दू समाज से नवरात्रि पर्व एवं भगवान राम के जन्मोत्सव पर होने वाले सभी कार्यक्रमों में हिस्सेदारी करने की अपील की है।