भारत के सभी कोनों में तरह-तरह के मसाले पाए जाते हैं, जो खाने की लजीज बनाते हैं। हमारा देश हमेशा से मसालों से भरपूर रहा है। लेकिन कुछ ऐसे मसाले भी हैं जिसके बारे में लोग बहुत ही कम जानते हैं। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं उन मसालों के बारे में जिसको बहुत कम जाना जाता है।
मराठी मोग्गू
दक्षिण भारत के इलाकों में यह मसाला पाया जाता है। खासतौर पर मराठी मोग्गू मसाला कर्नाटक क्षेत्र में मिलता है। यह दिखने में बड़े लौंग जैसा होता है। इसमें एक स्ट्रांग सुगंध है और इसका स्वाद काली मिर्च और सरसों के बीच का है। इसका इस्तेमाल करने के लिए इसे गर्म तेल में तलें। इस मसाले का उपयोग खासतौर पर करी और चावल में इस्तेमाल करें।
रूट फॉर रेड- रतनजोत
रतनजोत को ऐल्कानेट रूट के नाम से जाना जाता है। यह मसाला उत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में खासतौर पर पाया जाता है। इसका स्वाद तीखा नहीं होता हैबल्कि अर्दी होता है। इस मसाले की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका रंग लाल होता है जो किसी भी रेसिपी में डालने पर रंग छोड़ता है। इसका अधिक इस्तेमाल रोगन जोश और तंदूरी चिकन में किया जाता है।
कन्ठारी व्हाइट चिल्लीज
ये एक तरह की मिर्च होती है। जिसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह पकने पर सफेद हो जाती हैं। ऐसे मिर्च बहुत ही छोटे होती हैं लेकिन बहुत तीखी होती हैं। इस मिर्च में कई औषधीय गुण होते हैं। इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है और साथ ही मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है।
कबाब चीनी
कबाब चीनी एक अलग तरह की काली मिर्च होती है। इसमें लौंग, काली मिर्च और दालीचीनी का मिला-जुला स्वाद होता है। इसे अवधी खाने में कबाब और मीट के डिशेज में स्वाद लाने के लिए डाला जाता है। कबाब चीनी से बने एक सुगंधित तेल को जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
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