आर्म्स एक्ट में फैसले से पहले कोर्ट छोड़ने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान ने कहा कि मुझे कोई नोटिस नहीं मिला था…आज तक मेरे ऊपर चोरी की कोई एफआईआर नहीं हुई है।
कानपुर की एक अदालत की तरफ से बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान को शस्त्र अधिनियम के तीन दशक से अधिक पुराने मामले में दोषी ठहराया, जिसके बाद विधायक ‘‘जमानत मुचलका’’ भरे बिना अदालत कक्ष से ‘‘गायब’’ हो गए। मंत्री ने हालांकि, अदालत से गायब होने के आरोपों का खंडन किया है। पूरे मामले पर राकेश सचान ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि कुछ मुझे लेकर गलत खबरें फैला रहे हैं। शनिवार को एसीएमएमकोर्ट से मंत्री पर फरार होने का भी आरोप लगा। मंंत्री के खिलाफ 32 साल पुराना मामला बताया जा रहा है। ये मुकदमा भी बेबुनियाद है। मेरे पास लाइसेंसी असलहा है…अदालत का जो भी फैसला होगा वो मान्य होगा। मैं अपने वकील कोर्ट गया था। मंत्री ने कहा कि जो भी हो वह अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे।
गौरतलब है कि सचान ने 90 के दशक की शुरुआत में सपा के साथ राजनीति में प्रवेश किया था। वर्ष 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे, जबकि वर्ष 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता था। सचान वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2022 में कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद योगी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बने।